जीएसटी अदा कर कंगाल हो गए अलीगढ़ के निर्यातक
200 निर्यातकों का 100 करोड़ रुपया फंसा है रिफंड में, एलयूटी की जगह निर्यातकों ने बिल से खरीदा माल।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : देश में नई कर व्यवस्था (जीएसटी) लागू हुए 11वां महीना चल रहा है। टैक्स के रूप में जमा किए पैसों से ताला-हार्डवेयर निर्यातक कंगाल हो गए। बड़ी तादाद में निर्यातकों का रिफंड जमा नहीं किया गया है। बकौल कारोबारी अब तो उन्हें रॉमेटेरियल के सप्लायरों ने और उधार देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। 200 निर्यातकों का 100 करोड़ से अधिक का रिफंड फंसा हुआ है। दावा करने के वाबजूद अभी तक विभाग के अधिकारी बताने को कुछ भी राजी नहीं हैं।
शहर में 200 से अधिक निर्यातक हैं। पहले निर्यातकों को कच्चा माल खरीद व बिक्री पर टैक्स से मुक्त रखा था। जीएसटी लागू होने के बाद निर्यातकों को टैक्स के दायरे में रखा गया। अलीगढ़ निर्मित ताला, हार्डवेयर, बिजली फिटिंग उत्पादन व आर्टवेयर को टैक्स के दायरे में ले लिया। कच्चे माल (रॉमेटेरियल) की खरीद पर भी 18 फीसद टैक्स चुका कर ही खरीद की अनुमति थी।
निर्यातकों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने लेटर ऑफ अंडर टैकिंग (एलयूटी) व्यवस्था के तहत टैक्स मुक्त की अनुमति मिली। फिर भी अधिकांश निर्यातकों ने उत्पादन की बिक्री व खरीद बिलिंग से की। मगर उन्हें दावा करने के बाद भी टैक्स से मुक्ति नहीं मिली। 200 निर्यातकों का 100 करोड़ रुपया टैक्स के रूप में आज भी वाणिज्यकर विभाग पर है। निर्यातक सुभाष गोयल का कहना है कि रिफंड के लिए वित्तमंत्री तक से गुहार की। कोई सुनने को तैयार नहीं। उधार देने वालों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
--------------- निर्यातकों को विभाग जीएसटी का रिफंड दे रहा है। आठ करोड़ रुपया रिफंड के रूप में दिया जा चुका है। जिनका रिफंड रह गया है, वह किसी औपचारिकता के चलते फंसा है।
- बजरंगी यादव, डिप्टी कमिश्नर (प्रशासन) निर्यातक बेहद आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। जीएसटी अदा करने के बाद उद्यमी कंगाल हो गए हैं। उनकी जमा पूंजी कर अदायगी में फंस गई है। रिफंड न मिलने से पैसे का संकट है।
- दिनेश चंद्र वाष्र्णेय, महासचिव, अलीगढ़ निर्यातक एसोसिएशन मेरी कंपनी का आज तक रिफंड नहीं मिला है। हम पाई-पाई के लिए तबाह हो गए हैं। विभाग के अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं। माल की खरीद बिक्री बिल से की है।
- आशू गोयल, निर्यातक