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अलीगढ़ में यूपी पेडिकॉन में विशेषज्ञों ने कहा बच्चों को वेंटीलेटर पर लेने से बचें डाक्टर

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइपीए) के अधिवेशन यूपी पेडिकॉन 2019 में अंतिम दिन रविवार को बच्चों की गंभीर बीमारियों व आपातकालीन चिकित्सा से जुड़ी बातों पर चर्चा हुई।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 07:09 PM (IST)
अलीगढ़ में यूपी पेडिकॉन में विशेषज्ञों ने कहा बच्चों को वेंटीलेटर पर लेने से बचें डाक्टर
अलीगढ़ में यूपी पेडिकॉन में विशेषज्ञों ने कहा बच्चों को वेंटीलेटर पर लेने से बचें डाक्टर

जेएनएन, अलीगढ़ : इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइपीए) के अधिवेशन 'यूपी पेडिकॉन 2019Ó में अंतिम दिन रविवार को बच्चों की गंभीर बीमारियों व आपातकालीन चिकित्सा से जुड़ी बातों पर चर्चा हुई। इसमें दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, मुंबई, बैैंगलुरू आदि शहरों के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। 

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होटल रॉयल रेजीडेंसी में संयोजक सचिव डॉ. संजीव कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिगांत डी शास्त्री का स्वागत किया गया। डॉ. संजीव कुमार ने प्रदेश अध्यक्ष कार्यभार भी संभाला। 

बढ़ जाता संक्रमण का खतरा

नॉन इनवेसिव वेंटीलेशन पर कार्यशाला में संजय गांधी पीजीआइ लखनऊ के प्रो. गिरीश गुप्ता ने कहा कि गंभीर हालत में बच्चों को अमूमन वेंटीलेटर पर ले लिया जाता है। मरीज को बेहोश करके सांस में नली डाली जाती है। दूध नली से देते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। आइसीयू में नॉन इनवेसिव वेंटीलेटर लगाएं, जिससे बच्चों को कृत्रिम सांस मिलती रहे। दिल्ली के प्रसिद्ध महाजन इमेजिंग सेंटर सा आए सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष महाजन ने बच्चों की जांच को उपलब्ध मशीनों के बारे में डेमो देकर बताया। 

बेवजह न खिलाएं एंटीबायोटिक 

मुंबई से आए डॉ. बंकुल पारिख ने कहा कि बच्चों को सर्दी-जुकाम, खांसी में बेवजह एंटीबायोटिक न दें। इससे बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और कम हो जाती है। दिल्ली से आए डॉ. पीयूष गुप्ता ने फास्ट फूड और जंक फूड के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। 

टीबी की चपेट में आ रहे बच्चे 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने बच्चों में टीबी बहुत गहनता से पता की जाती है। जांच के अलग-अलग तरीके भी बताए। आग्र्रह किया कि पैसे की वजह से मरीजों का इलाज नहीं रुकना चाहिए, ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पताल रेफर कर दें। चिंता जताई कि कि बच्चे टीबी की चपेट में आ रहे हैं। 

 इन्होंने भी रखे विचार 

डॉ. आकाश पंडिता, सर गंगाराम हॉस्पिटल से डॉ. पंकज गर्ग, मेरठ मेडिकल कॉलेज से डॉ. अमित उपाध्याय, अपोलो से डॉ. सतीश गोपालन, बैंगलुरू मेडिकल इंस्टीट्यूट से डॉ. याचना, डॉ. राजीव खन्ना, डॉ. विवेक सक्सेना, डॉ. विनीत सक्सेना ने भी विचार रखे। संयोजक अध्यक्ष मुनाजिर अली, सचिव डॉ. संजीव कुमार, सह सचिव डॉ. लवनीश मोहन अग्र्रवाल, मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप बंसल, डॉ. रवि सूद, डॉ. विकास मेहरोत्रा, डॉ, विभव, डॉ. अनुज, डॉ. अरविंद हरि गुप्ता आदि। 


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