डॉक्टरी की डिग्री लेकर भी 'झोलाछाप', जानिए डॉक्टरों ने कौनसी की गलती Aligarh News
बीएएमएस बीयूएमएस आदि डिग्री वाले अलीगढ़ व हाथरस के करीब 1500 डॉक्टर भी झोलाछाप बन गए हैं। ये लोग डिग्र्री होने के बाद भी बिना पंजीकरण के ही क्लीनिक चला रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर से लेकर देहात तक पहले ही झोलाछापों की फौज है, जिन पर स्वास्थ्य विभाग शिकंजा कसने में विफल है। अब बीएएमएस, बीयूएमएस आदि डिग्री वाले अलीगढ़ व हाथरस के करीब 1500 डॉक्टर भी झोलाछाप बन गए हैं। ये लोग डिग्र्री होने के बाद भी बिना पंजीकरण के ही क्लीनिक चला रहे हैं।
यह थी पहले व्यवस्था
अलीगढ़ में करीब 2000 व हाथरस में 500 से ज्यादा आयुष चिकित्सक हैं। पहले सभी आयुष चिकित्सकों के पंजीकरण सीएमओ कार्यालय में होते थे। तीन साल पहले व्यवस्था बदली तो आयुर्वेद-यूनानी चिकित्सकों के पंजीकरण सासनीगेट स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेदिक-यूनानी अधिकारी कार्यालय व होम्योपैथी चिकित्सकों के पंजीकरण जिला अस्पताल स्थित जिला होम्योपैथी अधिकारी कार्यालय में शुरू हो गए।
पंजीकरण भूले डॉक्टर
व्यवस्था बदलने के बाद ज्यादातर चिकित्सक पंजीकरण या नवीनीकरण में रुचि नहीं दिखा रहे। 2017 में जहां 900 तो 2018 में 456 ने ही नवीनीकरण कराए। इस बार भी संख्या 400 है।
कार्रवाई पर असमंजस
अधिकांश आयुष चिकित्सक एलोपैथी पद्धति से ही इलाज करते हैं। सीएमओ को भी इन पर कार्रवाई का अधिकार है। पैथी के अनुसार प्रैक्टिस न करने व पंजीकरण न कराने पर आयुष विभाग से भी दंड दिया जाता है। दोनों ही विभागों के अधिकारी छापेमारी से पीछे हटते रहे हैं। मेहरबानी की वजह कोई भी समझ सकता है।
होगी छापेमारी
सीएमओ डॉ.एमएल अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने कई बार अभियान चलाकर झोलाछापों पर कार्रवाई की है। पुन: छापेमारी की जाएगी। यूनानी अधिकारी डॉ.प्रमोद कुमार का कहना है कि आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों कार्यालय में आकर पंजीकरण कराएं। जल्द ही छापेमारी शुरू होगी।