Breaking News : विरोधी भी बाबू जी के कायल, शिवपाल सिंह यादव व कैलाश विजयवर्गीय ने श्रद्धांजलि देकर परिवार को बंधाया ढांढस Aligarh news
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।इसी कड़ी में बुधवार को कल्याण सिंह के परिवार से मिलने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी पहुंचे।
अलीगढ़, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी कड़ी में बुधवार को कल्याण सिंह के परिवार से मिलने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी पहुंचे। इनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कल्याण सिंह के घर पहुंच कर श्रंद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, बेटे राजवीर सिंह से बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की। पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र सिंह, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, ,गृह राज्य मंत्री अरुण कुमार मिश्रा समेत कई दिग्गज नेता भी अलीगढ़ आएंगे।
लोगों ने साझा की बाबूजी से जुड़ी यादें
लोग अलीगढ़ में राज पैलेस स्थित आवास पर आकर शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक लगातार ग्रामीण क्षेत्र के लोग आ आते रहें। बाबूजी से जुड़ी तमाम यादें साझा की। कोई उनके चुनाव प्रचार की बात कर रहा था तो कोई राम मंदिर आंदोलन के समय की चर्चा कर रहा था। अतरौली तो मानों पूरा उमड़ पड़ा है। मंगलवार को गोरखपुर के सांसद और फिल्म अभिनेता रविकिशन भी संवेदनाएं व्यक्त करने अलीगढ़ पहुंचे।
सांसद रविकिशन ने भी दी श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां नरौरा व वाराणसी के घाट पर गंगा के अलावा सरयू नदी में भी विसर्जित की जाएंगी। एक सितंबर को अतरौली स्थित केएमवी इंटर कालेज में अरिष्टि कार्यक्रम होगा। 27 अगस्त को नरौरा स्थित बांशी घाट पर फूल चुनने के बाद वहां भी अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त को लखनऊ में निधन हो गया था। उनकी पार्थिव 22 अगस्त को अलीगढ़ लाई गई और यहां स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई। 23 अगस्त को पार्थिव देह को उनकी कर्म स्थली अतरौली ले जाया गया। इसके बाद नरौरा के बांशी घाट पर उनका अंतिम संंस्कार किया गया। देर रात स्वजन अलीगढ़ लौटे। कल्याण सिंह के पुत्र और एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने बताया कि 27 अगस्त को नरौरा फूल चुनने जाएंगे। यहां पर भी बाबूजी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। एक सितंबर को अतरौली के केएमवी इंटर कालेज में अरिष्टि का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके बाद वाराणसी और अयोध्या जाकर अस्थि विसर्जित की जाएंगीं। अभी उसकी तिथि नहीं तय की जानी है।