'कल का नीरज' में छाने को नवोदित कवियों में उत्साह Aligarh News
दैनिक जागरण कल का नीरज के माध्यम से ऐसे नवोदित कवियों की तलाश में निकल चुका है जो अपने गीतों से आने वाले दिनों में लोगों को मदहोश कर सकें।
अलीगढ़ (जेएनएन)। महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज के अमर गीतों की बगिया आज भी सुरमयी है। उनके गीत होठों पर आते ही न जाने कब दिल में उतर जाते हैं, पता ही नहीं चलता है। दैनिक जागरण 'कल का नीरज' के माध्यम से ऐसे नवोदित कवियों की तलाश में निकल चुका है, जो अपने गीतों से आने वाले दिनों में लोगों को मदहोश कर सकें। खास बात है कि 'कल का नीरज' की तलाश स्कूल-कॉलेजों से होते हुए एक ऐसे मंच तक पहुंचेगी, जहां से नवोदित कवि देश ही नहीं, पूरी दुनिया में छा सकते हैं। फाइनल में चयनित दो विजेताओं को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन में मौका दिया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कवियों के साथ मंच साझा कर सकेंगे।
भेजनी होंगी अप्रकाशित रचनाएं
स्थानीय स्कूल-कॉलेजों (एएमयू भी) में अध्ययनरत 16 से 25 वर्ष तक के उभरते कवियों की तलाश कर उन्हें तराशा जाएगा। इसके लिए तीन चरणों में प्रतियोगिताएं होंगी। पहले चरण में प्रत्येक प्रतिभागी को स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित दो रचनाएं भेजनी हैं। दूसरे चरण में श्रेष्ठ 40 रचनाकारों को योग्य निर्णायक मंडल के समझ काव्यपाठ के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 20 रचनाकारों का चयन तीसरे चरण के लिए किया जाएगा।
दिख रहा है छात्रों का उत्साह
दैनिक जागरण के 'कल का नीरज' प्रतियोगिता के लिए नवोदित कवियों में उत्साह दिख रहा है। जागरण की ईमेल आइडी पर ढेरों छात्र-छात्राओं (16 से 25 वर्ष) की कविताएं आनी शुरू हो गई हैं। इन्हें वरीयता के अनुसार छांटना शुरू कर दिया गया है। यदि आप भी गीतों के राजकुमार (नीरजजी) की तरह देश-दुनिया में छा जाना चाहते हैं तो फिर देर मत कीजिए, प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए ई-मेल पर अपनी कविताएं शीघ्र भेज दीजिए। अपने स्कूल-कॉलेज में प्रिंसिपल के माध्यम से भी कविताएं भेज सकते हैं।