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ऊर्जामंत्री श्रीकांत ने कहा, जनप्रतिनिधि ही सरकार हैं, उनका सम्मान करें

मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि ही सरकार हैं उनका सम्मान करें। गलत बिलिंग कर उपभोक्ताओं का शोषण करने वाले अधिकारी व एजेंसियों के ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज जेल भेजा जाए।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 01:24 PM (IST)
ऊर्जामंत्री श्रीकांत ने कहा, जनप्रतिनिधि ही सरकार हैं, उनका सम्मान करें
ऊर्जामंत्री श्रीकांत ने कहा, जनप्रतिनिधि ही सरकार हैं, उनका सम्मान करें

अलीगढ़ [जेएनएन]: ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यहां मंडलीय समीक्षा बैठक में अफसरों को जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल बनाने की नसीहत दी। सर्किट हाउस में दो घंटे चली बैठक में मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि ही सरकार हैं, उनका सम्मान करें। गलत बिलिंग कर उपभोक्ताओं का शोषण करने वाले अधिकारी व एजेंसियों के ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज जेल भेजा जाए।

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12 किश्तों में दें बकाया धनराशि

सुबह शुरू हुई बैठक में राज्यमंत्री संदीप सिंह भी थे। अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा के विभागीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। ऊर्जामंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि किसान छह किस्तों में और शहरी उपभोक्ता 12 किस्तों में बकाया दे सकते हैं। कोई ब्याज नहीं लगेगा। गर्मियों में बिजली संकट न हो, इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दें। 15 अप्रैल के पहले सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। नए कनेक्शन देने के लिए शिविर लगाए जाएं। मंत्री ने अफसरों से कहा कि जनप्रतिनिधियों से संवाद की कमी है, इसमें सुधार कर जनहित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाए। प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 52 प्रतिशत विद्युत आपूर्ति में बढ़ोतरी की गई है। अधिकारी निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए वसूली कार्य में भी तेजी लाएं। उपभोक्ताओं के प्रति व्यवहार ठीक रहे। आसान किस्त योजना के जरिये बकाया राजस्व वसूली के लिए शिविर लगाने के साथ अधिक से अधिक उपभोक्ताओं का पंजीकरण कराया जाए। पोर्टल पर प्राप्त कोई भी आवेदन निर्धारित समय सीमा के उपरांत लंबित न रहे।

गर्मी में मिलेगी निर्बाध बिजली

 गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति दी जाए। शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। हर तीन माह बाद मंडलीय समीक्षा बैठक होगी। अधीक्षण अभियंता (शहर) एसके जैन व अधीक्षण अभियंता (ग्रामीण) धर्मेंद्र सारस्वत ने विभागीय कार्यों का ब्योरा दिया, राजस्व वसूली, शिकायतों के निस्तारण से ऊर्जामंत्री को अवगत कराया। वित्त एवं शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हम सभी सरकार के ही अंग हैं, सरकार के हित में ही कार्य करने चाहिए।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में शहर विधायक संजीव राजा, कोल विधायक अनिल पाराशर, बरौली विधायक दलवीर सिंह, छर्रा विधायक रवेंद्रपाल सिंह, खैर विधायक अनूप प्रधान, इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी, भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह, श्यौराज सिंह, देवराज सिंह आदि मौजूद थे।

मुकदमा वापसी की मांग

सुरेंद्र नगर स्थित श्रीराम बैंक्वेट हॉल में भाजपा मंडल अध्यक्षों ने ऊर्जामंत्री को ज्ञापन सौंपकर विनय वाष्र्णेय पर दर्ज मुकदमा वापस कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में केके, जितेंद्र तोमर, कुशल पाल, सुबोध स्वीटी, संजय पंडित, संदेश राज जीवन, शैलेंद्र गुप्ता आदि थे।

दिल्ली से नहीं की जा सकती यूपी की तुलना

ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि विद्युत विभाग 80 करोड़ के घाटे में है, जिससे उबरने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली में मुफ्त बिजली पर हुए सवाल पर कहा कि आबादी और राजस्व के हिसाब से दिल्ली और यूपी में काफी अंतर है। दिल्ली की जितनी आबादी है, उतने यहां उपभोक्ता हैं। यूपी में 15 फीसद किसान और 62 फीसद गरीब हैं, जो समय से बिल भुगतान नहीं कर पाते। जबकि, दिल्ली में समय पर भुगतान होता है। उन्होंने बताया कि यूपी में बिजली उत्पादन में चार हजार मेगावाट की वृद्धि हुई है। 50 हजार संविदा कर्मियों की एप के जरिये मॉनिटङ्क्षरग की जा रही है। 45 दिन में वेतन भुगतान की व्यवस्था है।


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