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किसान नेताओं के अनिश्चितकालीन धरने से सकते में आया विद्युत विभाग, नोंकझोंक

सोमवार को किसान संगठनों की पंचायत जुड़ने के ऐलान से हड़बड़ाए अफसरों ने धरना स्थल पर पहुंच कर किसान नेताओं की मांगों पर सहमति जताई। इसके लिए लिखित में समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया है। इस दौरान नोकझोंक भी हुई।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 02:45 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 02:45 PM (IST)
किसान नेताओं के अनिश्चितकालीन धरने से सकते में आया विद्युत विभाग, नोंकझोंक
बिजली बिल घोटाले के विरोध में लालडिग्गी बिजली घर पर किसानों ने धरना दिया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बिजली बिल घोटाले के विरोध में लालडिग्गी बिजली घर पर चले रहे अनिश्चितकालीन धरने से विभागीय अधिकारी सकते में आ गए। किसान संगठनों की पंचायत जुड़ने के ऐलान से हड़बड़ाए अफसरों ने धरना स्थल पर पहुंच कर किसान नेताओं की मांगों पर सहमति जताई। इसके लिए लिखित में समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया है। इस दौरान नोकझोंक भी हुई। आश्वासन मिलने पर किसान नेताओं ने धरना समाप्त कर दिया।

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यह है मामला

धरना स्थल पर आयोजित पंचायत में धरना संयोजन समिति के सदस्यों और अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र सारस्वत की घंटेभर जोरदार बहस हुई। तब समस्याओं के समाधान का लिखित में आश्वासन दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिशकांत के मुताबिक अधीक्षण अभियंता द्वारा दिए गए पत्र के मुताबिक बकायेदार विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे। वसूली के संबंध में एकमुश्त समाधान योजना के तहत सभी उपभोक्ताओं को नोटिस के माध्यम से उनके बकाए बिल से अवगत कराया जाएगा। नोटिस में मूलधन व ब्याज अलग-अलग अंकित होगा। रसीद बुक घोटाले से संबंधित जिन उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, उनके भुगतान को जांच पूरी होने तक स्थगित करने का आश्वासन दिया गया। विवादित धनराशि छोड़कर यदि उपभोक्ता विद्युत बिल जमा कराना चाहें तो जमा करा सकते हैं। बाकी मुद्दों पर निर्णय के लिए धरना संयोजन समिति की बैठक हुई। समिति ने धरना तब तक स्थगित करने का निर्णय लिया है, जब तक जांच रिपोर्ट न आ जाए। पंचायत से पहले किसान नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने विभागीय जांच पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिलाधिकारी के नाम सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में प्रतिवेदन भी दिया। वहीं, लखनऊ में क्रांतिकारी किसान यूनियन के अवध प्रांत के संयोजक संतोष परिवर्तक के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव कार्यालय में इस घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की। वहीं, जबरन जमा कराई गई रकम वापसी की कार्रवाई की मांग भी की है। पंचायत में इन दोनों मांगों के लिए आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया।

ये रहे मौजूद

पंचायत की अध्यक्षता वयोवृद्ध किसान नेता कामरेड राजसिंह ने की। सभा को भाकियू हरपाल गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. हरपाल सिंह, क्रांतिकारी किसान यूनियन के मंडल प्रभारी सुरेशचंद्र गांधी, भाकियू के जिलाध्यक्ष ओपी कमांडो, पूर्व जिलाध्यक्ष विमल तोमर, किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष सूरजपाल उपाध्याय, क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष कमलेश यादव, मीडिया प्रभारी गोकुल करन, पुष्पेंद्र चौधरी, मुस्तकीम पठान, चौ. नबाब सिंह, जगदीश यादव आदि ने संबोधित किया।


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