एएमयू छात्र की गिरफ्तारी से उपद्रवियों के हौसले पस्त
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीए के छात्र तालिब की गिरफ्तारी के बाद उपद्रवियों के हौसले पस्त हो गए हैं। इससे छात्रों की आड़ में राजनीति कर रहे अराजक तत्वों का मनोबल टूटा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीए के छात्र तालिब की गिरफ्तारी के बाद उपद्रवियों के हौसले पस्त हो गए हैं। इससे छात्रों की आड़ में राजनीति कर रहे अराजक तत्वों का मनोबल टूटा है। गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कार्यप्रणाली की जमकर सराहना हो रही है।
पुलिस ने दिखाई सख्ती
उपद्रव के बाद भड़के छात्रों के आक्रोश को शांत करने का कारण मांगों पर सहमति भले ही बताया जा रहा हो, मगर प्रमुख वजह प्रशासनिक सख्ती को माना जा रहा है। छात्रों को भी लगने लगा कि पुलिस प्रशासन किसी भी हद तक जा सकता है। उपद्रव के दौरान चिह्नित एक छात्र को जेल भेजकर पुलिस ने यह साबित भी कर दिया।
पुलिस ने अभी तक नहीं की थी गिरफ्तारी
ये पहली कार्रवाई थी, जो एएमयू से जुड़े उपद्रव में किसी छात्र पर हुई और इतनी जल्दी, वो भी वीडियो फुटेज के आधार पर। पुलिस का दावा है कि जेल भेजा गया बीए का छात्र तालिब हाथ में हथियार लिए था। आपराधिक घटनाओं को छोड़ दें तो इससे पहले छात्रों के विवाद में पुलिस ने किसी छात्र पर हाथ नहीं डाला। चाहे वो जिन्ना प्रकरण हो या प्रॉक्टर ऑफिस पर बवाल। छात्रों के गिरफ्तारी वारंट, कुर्की नोटिस चस्पा जरूर कर दिए।
जिन्ना की तस्वीर पर भी हुआ था बवाल
छात्रसंघ यूनियन हॉल में लगी पाक संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बीते साल दो मई कोबवाल हुआ था। कैंपस से बाहर आए छात्रों के हमलावर होने पर पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा। तब छात्र धरने पर बैठ गए, जो लंबा चला। 15 मई को छात्र कमरुल हसन पर हमले में जीशान निवासी भड़ई सासाराम जिला रोहितास (बिहार) राशिद निवासी बिटिया कस्बा जिला चंपारन (बिहार) वसीम व तारिक माया निवासी जमालपुर सिविल लाइंस नामजद किए गए थे। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद निवासी फैजुल्ला चौक जिला दरभंगा (बिहार) का नाम प्रकाश में आया। 22 अगस्त को सरेंडर कर तारिक जेल चला गया। बाकी फरार हैं। 29 सितंबर को इनके गिरफ्तारी वारंट जारी हुए। फिर कुर्की नोटिस घरों पर चस्पा किए गए, मगर गिरफ्तारी नहीं हुई। पुलिस पर हमले में भी कोई गिरफ्तार नहीं किया गया।
प्रॉक्टर ऑफिस पर आगजनी
23 अप्रैल 16 की रात छात्र गुटों के विवाद में एएमयू के प्रॉक्टर ऑफिस पर जमकर उत्पात हुआ। फायङ्क्षरग में पूर्व छात्र समेत दो युवकों की मौत हो गई। प्रॉक्टर ऑफिस, गेस्ट हाउस, डीएसडब्ल्यू ऑफिस में आगजनी से लाखों की संपत्ति, वाहन जलकर नष्ट हो गए। पुलिस को भी गोलियां चलानी पड़ी थीं। इसमें 17 निलंबित हुए, 11 निष्कासित कर दिए गए। छात्रों पर कई मुकदमे दर्ज हुए थे, 14 के नाम खोले गए। दो हत्याओं में निलंबित छात्र यूनुस निवासी ककराला बदायूं कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया। बाकी के कुर्की नोटिस चस्पा किए गए। किसी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा था।