Unlock: कोरोना के चलते ताला कारोबारी ने चीन के ऑर्डर किए कैंसिल, जानिए विस्तार से Aligarh News
घरेलू बाजार से चीन के दबदबे को खत्म करने के लिए ताला (इलेक्ट्रीकल्स इन क्लोजर लॉक) क्षेत्र में बड़े नाम अशोका लॉक व अशोका एंटरप्राइजेज ने बड़ा फैसला लिया है।
अलीगढ़[मनोज जादौन]: कोरोना और भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव तथा घरेलू बाजार से चीन के दबदबे को खत्म करने के लिए ताला (इलेक्ट्रीकल्स इन क्लोजर लॉक) क्षेत्र में बड़े नाम अशोका लॉक व अशोका एंटरप्राइजेज ने बड़ा फैसला लिया है। इन फर्मों ने तालों में इस्तेमाल होने वाले चीन के कलपुर्जों के पांच लाख रुपये के ऑर्डर के साथ 20 लाख रुपये के पूरे साल के सौदे को कैंसिल कर दिया है। आठ करोड़ सालाना टर्नओवर वाली ये कंपनी अब देशी कलपुर्जे अपने उत्पादों में इस्तेमाल करेंगी। मेक इन इंडिया के तहत यूनिट के आधुनिकीकरण के लिए ताइवान, जर्मनी व इटली से आधुनिक मशीन मंगाएगी।
चीन से कलपुर्जे होते थे आयात
आइटीआइ रोड पर 25 साल पहले इलेक्ट्रीकल्स इन क्लोजर लॉक यानी पैनल लॉक बनाना अशोका लॉक ने शुरू किया था। इस कंपनी का संचालन आशीष अग्रवाल अपनी मां सुधा रानी अग्रवाल के साथ कर रहे हैं। उन्होंने अशोक एंटरप्राइजेज नाम से दूसरी फर्म भी खोली। इन कंपनियों ने अपनी उत्पादन क्षमता के साथ आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया। कंपनी चीन से लॉक में लगने वाली स्प्रिंग, फनर, चाबी आदि स्पेयर पाट्र्स आयात करती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाने के आह्वïान से प्रभावित आशीष अग्रवाल ने अब चीन से आयात के ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं।
ये उत्पादन होते हैं तैयार
दोनों कंपनियां फ्रीज के ताले, मेट्रो ट्रेन के कोच के ताले, मेट्रो स्टेशनों के बाथरूम विंडो लॉक्स, जनरेटर केनोपी ताला, पेट्रोल टैंक, पैनल लॉक, डीबी बॉक्स, बिल्डिंग फर्नीचर के पैनल लॉक तैयार करती हैं।
गुणवत्ता पर जोर
अशोका लॉक्स व अशोक एंटरप्राइजेज एक्सपोर्ट यूनिट भी हैं। दिल्ली मेट्रो स्टेशन में इन्हीं कंपनियों का लॉक प्रयोग किया जा रहा है। इन कंपनियों में जस्ता, आयरन, ब्रास व स्टैंडर्ड स्टील के लॉक व हार्डवेयर आयटम तैयार होते हैं।
चीन से आयातित माल का हो सही मूल्यांकन
अलीगढ़ तालानगरी औद्योगिक विकास समिति के अध्यक्ष नेकराम शर्मा बताते हैैं कि चीन के कारोबारियों को भारतीय उद्यमी ही बढ़ावा दे रहे हैं। चीन के आयातित माल की कीमत 70 से 80 फीसद तक कम दर्शाई जा रही है। देशी बार कोड के साथ यही उत्पादन महंगा कर बेचा जाता है। इससे देशी उत्पादन की बिक्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। कस्टम विभाग सख्ती के साथ वस्तुओं की सही कीमत का मूल्यांकन करे।
पीएम की स्वदेशी मुहिम को बढ़ावा
अशोक लॉक्स की निदेशक सुधारानी अग्रवाल का कहना है कि हम प्रधानमंत्री की स्वदेशी मुहिम को बढ़ावा देने को आगे आए हैं। किसी को तो शुरुआत करनी ही होगी। हम अपने तालों में महंगे कलपुर्जे व चाबी लगा लेंगे, मगर चीन से माल नहीं लेंगे।
पांच लाख का ऑडर किया कैंसिल
निदेशक आशीष अग्रवाल का कहना है कि पांच लाख रुपये का चीन से ऑर्डर कैंसिल किया है। कुछ स्पेयर पाटर््स मंगाते थे। इसका विकल्प हमने देश में ही खोज लिया है। फैक्ट्रियों का आधुनिकीकरण कराकर खुद ही माल तैयार करेंगे। सरकार भी सहयोग करे।