कोरोना संकट के चलते तमाम बहनें भाइयों से नहीं मिल सकीं, वीडियो कॉल कर की बातचीत Aligarh news
इस बार रक्षाबंधन पर्व पर कई शुभ मुहुर्त पडऩे से भाई और बहनों में उल्लास देखा गया। तमाम बहनों ने सावन का अंतिम सोमवार पडऩे से व्रत रखा और भाई को राखी बांधी।
अलीगढ़ [जेएनएन]। रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने बहनों को उपहार दिए और रक्षा करने का संकल्प लिया। इस बार रक्षाबंधन पर्व पर कई शुभ मुहुर्त पडऩे से भाई और बहनों में उल्लास देखा गया। तमाम बहनों ने सावन का अंतिम सोमवार पडऩे से व्रत रखा और भाई को राखी बांधने के बाद ही उन्होंने अन्न-जल ग्रहण किया। भारत संस्कृति और परंपराओं का देश है। इसलिए यहां तीज-त्योहार और उत्सव बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। यह संस्कृति को और प्रगाढ़ करते हैं। रक्षाबंधन पर्व पर सावन का अंतिम सोमवार, सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग का संयोग बना। सुबह से ही पर्व का उल्लास देखने को मिला। खासकर बहनों में राखी बांधने की बेचैनी थी। सुबह तैयार होकर उन्होंने निर्जला व्रत रखा। 9.28 बजे से शुभ मुहुर्त शुरू हो गया। उसके बाद भाइयों की कलाई पर राखियां सजना शुरू हो गईं। बहनों ने भाई को रोली, चावल से टीका किया। घेवर और मिठाई खिलाई। कलाई पर राखी बांधी और आरती उतारकर लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को घड़ी, मोबाइल, पर्स आदि तमाम उपहार दिए। साथ ही बहन की रक्षा का संकल्प लिया। चूंकि मुहुर्त पूरे दिन था, इसलिए देरशाम तक राखी बांधने का सिलसिला चलता रहा।
ऑनलाइन की आरती और दर्शन
कोरोना संकट का असर त्योहार पर भी देखा गया। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मुंबई, पुणे आदि जगह नौकरी कर रहे तमाम लोग नहीं आ सकें। एक तो कोरोना का संकट और दूसरा आवागमन का साधन सुलभ ना होने के चलते परिवार के लोगों ने भी मना कर दिया। ऐसे में बहनों ने भाइयों के ऑनलाइन दर्शन किए। आरती की और लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहन को देखकर कलाई पर राखी बांधी। ऐसे में तमाम भाई-बहन भावुक हो उठे। उन्हें लगा कि हर बार रक्षाबंधन पर मिलना होता था, मगर इस बार उन्हें ऑनलाइन त्योहार मनाना पड़ रहा है। त्योहार रिश्तेदारों का भी आना-जाना कम ही रहा।
मंदिरों में भी कम पहुंचे
रक्षाबंधन पर तमाम लोग मंदिरों में भी जाकर पूजा-अर्चना करते हैं, मगर इस बार अधिकांश लोग घरों में ही सिमटे रहे, घर से नहीं निकलें। श्री गिलहराज मंदिर, श्री वाष्र्णेय मंदिर, टीकाराम मंदिर और खेरेश्वरधाम मंदिर में तमाम श्रद्धालु ब्राह्मण से रक्षा सूत्र बंधवाते हैं। भगवान भोलेनाथ आदि को रक्षासूत्र अर्पित करते हैं, मगर इस बार लोग थमे रहे।
परिवार के साथ किया लंच
तमाम ऐसे परिवार थे जिन्होंने दोपहर का लंच साथ में किया। खुशी के इस पर्व पर होटल-रेस्टोरेंट आदि में जाकर भोजन किया। रामघाट रोड स्थित मॉल में भी अन्य दिनों की अपेक्षा काफी भीड़ थी। शाम के समय सेंटर प्वाइंट, मैरिस रोड और रेलवे रोड पर लोग परिवार के साथ टहलने निकलें।
आचार्यों से लिया आशीर्वाद
कुछ श्रद्धालुजनों ने आचार्य के पास पहुंचकर रक्षासूत्र बंधवाया और आशीर्वाद लिया। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूार्णानंदपुरी महाराज से स्वर्ण जयंती नगर स्थित उनके आश्रम पहुंचे और रक्षा सूत्र बंधवाया। अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आदित्य नारायण अवस्थी से रामघाट रोड स्थित तालसपुर मां पीतांबरा मंदिर पर लोग रक्षासूत्र बंधवाने पहुंचे और आशीर्वाद लिया। तथास्थु ज्योतिष संस्थान के प्रमुख लवकुश शास्त्री से भी विष्णुपुरी स्थित संस्थान पर श्रद्धालुजन पहुंचे और आशीर्वाद लिया।