कोरोना व बढ़ती गर्मी के चलते रमजान में स्कूल का समय बदलने की उठी मांग Aligarh news
हिंदू न मुस्लिम शिक्षकों का धर्म है केवल राष्ट्रनिर्माण जिले के गुरुजनों ने इसको साबित भी कर दिया है। रमजान के महीने में स्कूल का समय बदलकर कम करने के लिए हिंदू शिक्षक भाइयों ने अफसरों से मांग उठाई है।
अलीगढ़, जेएनएन। हिंदू न मुस्लिम, शिक्षकों का धर्म है केवल राष्ट्रनिर्माण, जिले के गुरुजनों ने इसको साबित भी कर दिया है। रमजान के महीने में स्कूल का समय बदलकर कम करने के लिए हिंदू शिक्षक भाइयों ने अफसरों से मांग उठाई है। सुबह आठ बजे के बाद सूरज की तपिश तेज होने के साथ गर्मी बढ़ती है। इसलिए सुबह आठ से 11 बजे तक स्कूल संचालन की मांग शिक्षकों ने उठाई है।
कोरोना के चलते बंद हैं स्कूल
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक किया गया है। अभी रमजान का महीना चल रहा है और कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकाेप के चलते विद्यालयों को बंद रखने का फैसला भी शासन की ओर से किया गया है। शिक्षकों को स्कूल बुलाया जरूर जा रहा है लेकिन शिक्षण कार्य कराने के लिए नहीं बल्कि विद्यालयों मेें जरूरी काम कराने व मिशन कायाकल्प के तहत बचे हुए कामों को पूरा कराने के लिए बुलाया जा रहा है। रमजान के महीने मेें मुस्लिम शिक्षकों व शिक्षिकाओं का रोजा चलता है। गर्मी के सीजन मेें अब सुबह आठ बजे से ही भीषण धूप होनी शुरू हो जाती है। ऐसे मेें शिक्षकों ने स्कूल के समय में परिवर्तन की मांग को अफसरों के सामने लिखित में रखा।
बदलाव संभव नहीं
उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा, जिलामंत्री डा. इंद्रजीत सिंह आदि शिक्षकों ने बीएसए के सामने मांग रखी कि रमजान के महीने में रोजा रखने वाले मुस्लिम साथियों को काफी दिक्कत होती है। उनको सुकून मिले, इसलिए मांग की जा रही है कि स्कूल का समय आठ से 11 बजे तक कर दिया जाए। जिससे मुस्लिम शिक्षक-शिक्षिकाओं को दोपहर 12 बजे की चटक धूप होने से पहले ही घर जाने का मौका मिल जाए। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि शिक्षकों का ज्ञापन प्राप्त हुआ है। समय में बदलाव शासनस्तर से किया गया है। इसको स्थानीय स्तर से परिवर्तित करना उचित नहीं होगा। मगर शिक्षक हित मेें शासन से मार्गदर्शन मांगा है, संभावना होगी तो राहत जरूर दी जाएगी।