दोहरा मूल्यांकन तय करेगा यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों का भविष्य
इस बार यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को दोहरे मूल्यांकन प्रणाली से गुजरना होगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। यूपी बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। इस बार यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को दोहरे मूल्यांकन प्रणाली से गुजरना होगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। यूपी बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। इस साल हर विषय का एक ही प्रश्नपत्र तय किया गया है। इससे कॉपियां कम होंगी और दोहरा मूल्यांकन संभव हो सकेगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में दी जानकारी
सूत्रों की मानें तो तीन दिन पहले हुई डिप्टी सीएम व अपर मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह जानकारी दी गई, मगर बोर्ड से कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं हुआ है। डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि ऐसी चर्चा सुनी है। इस बार कॉपियां कम भी होंगी, इसलिए यह व्यवस्था लागू होना मुश्किल नहीं है।
आईं पूरी कॉपियां
कक्षा, ए कॉपी, बी कॉपी
हाईस्कूल, 3.95 लाख, 1.58 लाख
इंटरमीडिएट, 3.04 लाख, 90 हजार
प्रैक्टिकल के प्राप्तांक नहीं भेज रहे परीक्षक
यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों ने 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं तो दे दीं, लेकिन परीक्षकों ने प्राप्तांक बोर्ड के लिए नहीं भेजे हैं। यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ से पत्र जारी कर विद्यार्थियों के प्राप्तांक भेजने के निर्देश जारी किए हैं। डीआइओएस ने बताया कि कई विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के प्रयोगात्मक परीक्षा के प्राप्तांक परीक्षक नहीं भेज सके हैं। 20 जनवरी तक तक प्राप्तांक न भेजने वालों को भविष्य में परीक्षक नियुक्त नहीं किया जाएगा। पारिश्रमिक कार्यों से डिबार करने की संस्तुति भी की जाएगी। जिन विद्यालयों में परीक्षाएं नहीं कराई जा सकी हैं वे भी अपनी सूची 20 जनवरी तक अनिवार्य रूप से मुहैया कराएं।