अलीगढ़ में आखिर क्यों की गई बालक की हत्या ?
: अकराबाद पुलिस ने दो दिन पूर्व मिर्जा चांदपुर गांव में बालक जितेंद्र की हुई हत्या का राज उजागर कर दिया है।
अलीगढ़ : अकराबाद पुलिस ने दो दिन पूर्व मिर्जा चांदपुर गांव में बालक जितेंद्र की हुई हत्या का राजफाश करने का दावा किया है। एसएसपी अजय कुमार साहनी ने गुरुवार को मीडिया को विस्तार से जानकारी दी।
एसएसपी ने बताया कि बीते रविवार 10 जून को गांव मिर्जापुर चांद के श्रीपाल शर्मा का बेटा जितेंद्र (09) खेलते समय गायब हो गया था। अगले दिन शव नाले में मिला। जांच में पता चला कि गांव के बुंदा खां की बेटी रेशमा ने 12 अप्रैल को घर से भागकर पड़ोसी युवक लईक पुत्र रहीश मोहम्मद से कोर्ट मैरिज कर ली थी। बुंदा खां ने लईक व उसके चारों भाइयों के अलावा गांव के ही तालिब व करूआ (मृतक जितेंद्र का बड़ा भाई) समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रहा था। कार्रवाई से बचने के लिए लईक व उसके परिजनों ने बुंदू को किसी झूठे केस में फंसाने की साजिश रच डाली। इसी के तहत शमी हसन ने गांव के पेशेवर अपराधी शरीफ व भोला से मिलकर श्रीपाल के बेटे जितेंद्र का अपहरण कर हत्या करने की योजना बना डाली। चूंकि कलुआ को बुंदा ने मुकदमें में नामजद करा रखा है, ऐसे में हत्या के बाद श्रीपाल शक में सीधे ही बुंदा व उसके परिजनों को नामजद करेगा, हुआ भी यही।
पहले अपहरण, फिर मार डाला: आरोपितों ने श्रीपाल के करीबी मुजम्मिल को दो हजार रुपये दिए। रेकी करने का जिम्मा पड़ोसी मंसूर वेग को सौंपा। शमी हसन ने सहयोग के लिए रिश्ते के फूफा आसिफ को बुलाया। बहाने से जितेंद्र को बुला लिया, शमी हसन बालक को साथ ले गया। रात में मुजम्मिल व आसिफ, श्रीपाल को लेकर थाने गए और बच्चे को गायब करने का आरोप लगाते हुए बुंदू , उसके भाई शामीन व इस्लाम को नामजद करा दिया। इसी बीच अन्य साथियों ने बालक की हत्या कर शव नाले में फेंक दिया। इंस्पेक्टर अकराबाद विनोद कुमार के नेतृत्व वाली टीम ने आरोपित मुजम्मिल व मंसूर निवासी मिर्जा चांदपुर, अकराबाद को गिरफ्तार किया है। शेष आरोपित शमी हसीन, शरीफ, भोला, आसिफ व लईक को सरगर्मी से तलाशा जा रहा है।