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अलीगढ़ में तलाशे जा रहे ड्रग्स माफिया के ठिकाने

फरीदाबाद में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स पैडलर (सप्लायर) की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों की नजर एक बार फिर अलीगढ़ में बैठे ड्रग्स माफिया पर टिक गई हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 12:45 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:17 PM (IST)
अलीगढ़ में तलाशे जा रहे ड्रग्स माफिया के ठिकाने
अलीगढ़ में तलाशे जा रहे ड्रग्स माफिया के ठिकाने

अलीगढ़ (जेएनएन)।  फरीदाबाद में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स पैडलर (सप्लायर) की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों की नजर एक बार फिर अलीगढ़ में बैठे ड्रग्स माफिया पर टिक गई हैं। नेपाल के काठमांडू जिले के गोलफुटार बाड़ा के रहने वाले सप्लायर सत्यम से बरामद 6 किलो 466 ग्राम चरस अलीगढ़ की बताई जा रही है। एजेंसियां ये जानने का प्रयास कर रही हैं कि अलीगढ़ में किस माफिया के यहां से चरस पहुंची। शहर में नशे का बड़ा कारोबार क्वार्सी क्षेत्र के बेगमबाग व चंदनिया में होता है। यहीं से दूसरे क्षेत्रों में चरस, गांजा, स्मैक सप्लाई की जाती है। सत्यम के जरिये ये माल नेपाल के रास्ते हांगकांग, बांग्लादेश, पाकिस्तान, लंदन समेत अन्य देशों में भेजने की जानकारी पर एजेंसियां सकते में हैं। सत्यम को अलीगढ़ लाकर जल्द छापामारी की जाएगी।

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माफिया ने लगा रखे हैं 100 एजेंट

चंदनिया व बेगमबाग क्षेत्र प्रतिबंधित नशीले पदार्थों का हब बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो रोज पांच से आठ लाख रुपये तक नशीले पदार्थ की यहां से सप्लाई होती है। ड्रग्स माफिया ने इस काम के लिए करीब 100 एजेंट लगा रखे हैं, जो जीवनगढ़, जमालपुर, पला साहिबाबाद, रसलगंज, किशनपुर, नौरंगाबाद, मालगोदाम, कठपुला, धौर्रा माफी आदि क्षेत्रों में सप्लाई करते हैं। ये एजेंट पांच से 10 हजार का माल रोज बेचते हैं।

कपड़ों में छिपाते हैं पुडिय़ा

एजेंट चरस, गांजा व स्मैक की पुडिय़ा बनाकर कपड़ों में इस तरह से छिपा लेते हैं कि किसी को शक नहीं होता। नियमित ग्राहक इन्हें पहचानते और सीधे कीमत देकर माल लेते हैं।

देहरादून में पकड़ा था तस्कर

बीते साल देहरादून की सहसपुर थाना पुलिस ने कुंजलपुर बन्नादेवी निवासी तस्कर धर्मेंद्र कुमार को 80 हजार की चरस के साथ पकड़ा था। ये चरस यहीं से ली गई थी। इससे पहले क्वार्सी पुलिस ने दो माफिया दबोच थे, इनसे 10-10 किलो चरस, गांजा बरामद हुआ था। तब कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई थी, जिन्हें हटा दिया गया। गुटबंदी के चलते गोलियां भी चल चुकी हैं।

100 रुपये में पुडिय़ा

चरस की एक पुडिय़ा 100 रुपये में मिलती है, जिससे पांच सिगरेट भरी जा सकती हैं। पांच ग्राम स्मैक की कीमत 150 रुपये है। गांजे की पुडिय़ा 50 रुपये तक में मिल जाती है, जिसमें चार सिगरेट भरी जा सकती है। एसपी सिटी अाशुतोष द्विवेदी का कहना है फरीदाबाद पुलिस ने अभी इस संबंध में संपर्क नहीं किया है। नशा कारोबारियों के खिलाफ पुलिस अभियान चलाए हुए है। कई जेल भेजे जा चुके हैं। इनके नए ठिकाने भी तलाशे जा रहे हैं।


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