खूब पानी पिएं, नहीं होगी पेशाब में जलन व रुकावट, अलीगढ़ में यूरोलाजिस्ट ने दिया परामर्श
बच्चे हों या बड़े-बुजुर्ग या फिर महिलाएं अक्सर पेशाब कम आने पीलापन रुकावट के साथ जलन या चुभन होने की शिकायत करने लगते हैं।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : बच्चे हों या बड़े-बुजुर्ग या फिर महिलाएं, अक्सर पेशाब कम आने, पीलापन, रुकावट के साथ जलन या चुभन होने की शिकायत करने लगते हैं। उपचार के लिए डाक्टरों के पास जाते हैं तो जांच में कई कारण सामने आते हैं। सबसे बड़ा कारण पानी का कम सेवन होता है। ऐसे मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए। यह परामर्श विक्रम कालोनी स्थित एशियन मेडिकल सेंटर के निदेशक व यूरोलाजिस्ट डा. गौरव गुप्ता ने दिया। वह बुधवार को दैनिक जागरण के कार्यक्रम हेलो डाक्टर में पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तालानगरी कार्यालय में उपस्थिति हुए। उन्होंने मरीजों की पेशाब, किडनी व प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं पर भी परामर्श दिया।
सात वर्षीय बेटे को गरम चीज खिलाने, खांसी का सीरप, दूध या चाय पिलाने के बाद अचानक बूंद-बूंद पेशाब आने की समस्या हो जाती है। दिन में तीन-चार बार नेकर तक गीला हो जाता है।
भारत गुप्ता
- बच्चे का अल्ट्रासाउंड कराएं, ताकि पता चल से कि क्या समस्या है। सब सामान्य आता है तो समस्या एलर्जिक होगी। तब विशेषज्ञ से एलर्जी का उपचार कराना होगा।
पति को बार-बार पेशाब करने जाना पड़ता है। निवृत होने में काफी देर लगती है। रात में ज्यादा समस्या होती है।
ऊषा
- प्रोस्टेट में सूजन या प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से कई बार ऐसी दिक्कत होती है। पेशाब की थैली के ओवर एक्टिव होने से बार-बार पेशाब जाना पड़ता है। मरीज को पेशाब मार्ग में जलन महसूस होती है। इसमें सही जांच और उचित उपचार की जरूरत होती है।
पिछले दिनों बायीं किडनी में दर्द होने पर मैंने डाक्टर को दिखाया। उन्होंने किडनी में सूजन बताई। उपचार से अधिक लाभ नहीं हुआ।
महेश
- ऐसा लगता है कि आपकी किडनी में पथरी हो गई है, तभी सूजन है। अल्ट्रासाउंड कराएं। उसमें कुछ न आए तो एक्स-रे और फिर सीटी स्कैन कराना पड़ेगा। पथरी आए तो दवा या आपरेशन से निकालने का बारे में सोचना होगा।
मेरी उम्र 38 वर्ष है। तीन बच्चे हैं। मुझे पेशाब बहुत आता है। कई बार बिस्तर में ही निकल जाता है। बहुत परेशान हूं। हीनभावना भी आती है।
गीता देवी
तीन-चार बच्चे नार्मल डिलीवरी से होने के कारण बच्चेदानी व मूत्र मार्ग में लगा वाल्व ढीला हो जाता है। भागने भर से पेशाब निकल जाता है। नार्मल डिलीवरी के बाद कुछ व्यायाम करने की जरूरत होती हैं, जिससे वाल्व अपनी जगह पर फिट हो जाए। किसी यूरोलाजिस्ट से मिलकर उपचार लें। लाभ मिल जाएगा।
चार साल की नातिनी है। रात में बिस्तर गीला कर देती है।
सुशील देवी
इस बीमारी को नाकटर्नल एनुरेसिस के नाम से जानते हैं, जिससे तमाम बच्चे ग्रस्त हैं। कई बार बड़ों को भी यह बीमारी होती है। वे पेशाब पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। जिन बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास धीमा होता है, उनमें ये समस्या ज्यादा होती है। गहरी नींद लेने वाले भी अक्सर बिस्तर गीला कर देते हैं, वे किसी भी उम्र के हो सकते हैं। शाम को कम पानी पीने व पेशाब करने के समय अलार्म लगाकर किया जाता है। तमाम मरीजों की समस्या दूर हुई है।
दो साल पहले गुर्दा में पथरी का पता चला। दवा चल रही है। कई दिन से दर्द है। पेशाब लाल-पीला आता है।
सुबोध
- पथरी के सरकने से पेशाब में खून मिलकर बाहर निकलता है, जिससे वह लाल या गहरा पीला दिखता है। खूब पानी पिएं। जागिग (तेजी से चलना) करें। अल्ट्रासाउंड कराकर देखें कि पथरी की क्या स्थिति है। यदि दवा से नहीं जा रही तो आपरेशन से निकलवाएं, अन्यथा वह गुर्दा को नुकसान पहुंचाएगी।
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पथरी को लेकर भ्रांतियां
डा. गौरव कहते हैं कि हम पथरी के मरीजों को पानी व संतुलित आहार की सलाह देते हैं। लेकिन, आम भ्रांति है कि पालक खाने से पथरी का आकार बढ़ जाता है, यह गलत है। पालक पथरी का पालक नहीं है। इसी तरह टमाटर, बैंगन, अमरूद, बीज वाले फलों व सब्जियों को लेकर भ्रांति है। इनके खाने से पथरी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
स्पष्ट नहीं पथरी का करण
डा. गौरव बताते हैं कि पथरी बनने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है। ऐसा कोई शोध भी नहीं हुआ है। हां, पानी कम पीने वाले लोगों को इसकी आशंका ज्यादा रहती है। पथरी आक्जीलेट से बनती है। खूब पानी पीने से आक्जीलेट पेशाब के जरिये बाहर निकल जाते हैं।
इन्होंने भी लिया परामर्श
हरगोविद, सत्यवीर सिंह, अहमद सईद, हिमांशु, प्रेमशंकर, हेमंत कुमार, राहुल, शमशुद्दीन, प्रताप सिंह, एसएस खान, आगरा रोड से अमन सिंह आदि।