मंडी की आय कम होने से रुका आदर्श मंडी बनने का सपना, महत्वपूर्ण कार्य रुके, जानिए विस्तार से Hathras News
मंडी समिति में आय गिरने का असर अब विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। अब मंडी की आय में 70 फीसद तक गिरावट आ गई है। इस कारण से यह एक आदर्श मंडी बनने से रह गई। अधिकारियों को आय बढ़ाने के लिए सख्त चेतावनी दी गई है।
हाथरस, संवाद सहयोगी। मंडी समिति में आय गिरने का असर अब विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। अब मंडी की आय में 70 फीसद तक गिरावट आ गई है। इस कारण से यह एक आदर्श मंडी बनने से रह गई। अधिकारियों को आय बढ़ाने के लिए सख्त चेतावनी दी गई है।
70 फीसद गिर गई मंडी की आय
अलीगढ़ रोड स्थित मंडी समिति जिले की सबसे बड़ी मंडियों में शामिल है। इससे सासनी व अलीगढ़ जिले में इगलास स्थित मंडी भी आती हैं। इनका संचालन इसी मंडी से होता है। मंडी में करीब 36 तरह की फसलें आती हैं। इनसे किसानों को फसल बेचने की सुविधा मिलती है। वहीं इससे मंडी को राजस्व भी प्राप्त होता है। हाथरस की इस मंडी को आदर्श मंडी बनाने के लिए चुना गया था। अब लगातार आय गिरने से मंडी को आदर्श मंडी नहीं बनाने की प्रक्रिया रोक दी गई है। मंडी शुल्क ढाई फीसद से घटाकर डेढ़ फीसद कर दिया गया। वहीं मंडी से बाहर बिना प्रवेश शुल्क जाने वाले वाहनों की चेकिंग का कार्य भी बंद कर दिया गया है। इससे मंडी की आय लगातार गिर रही है। पहले मंडी को करीब 12 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था। अब यह 3.58 करोड़ रुपये पर सिमट गया है। इससे करीब 70 फीसद की कमी राजस्व में आई है।
आठ करोड़ से होते विकास कार्य
आदर्श मंडी बनने पर मंडी में तेजी से विकास कार्य होने प्रस्तावित थे। इसमें आधुनिक केंटीन, हाईमास्ट लाइट, दुकानों की मरम्मत के साथ रंगाई-पुताई, सड़कों को मरम्मत, पेयजल की सुविधा, किसानों के लिए विश्रामागृह व अन्य सुविधाएं मंडी में उपलब्ध कराई जाती। अब इन पर ब्रेक लग गया है।
मंडी आदर्श मंडी बनाने के लिए प्रस्तावित थी। अब लगातार आय गिरने यह कार्य रोक दिया गया है। आदर्श मंडी बनने पर किसानों के साथ व्यापारियों को सुविधाएं बढ़ जातीं।
- यशपाल सिंह, मंडी सचिव