डा पूनम रानी ने किया जैन चित्रकला का विश्लेषणात्मक पर अध्ययन Aligarh news
मंगलायतन विश्वविद्यालय के दृश्य एवं कला विभाग की अध्यक्ष डॉ. पूनम रानी द्वारा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत शोध परियोजना पर कार्य किया गया है। उन्होंने ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जैन चित्रकला का विश्लेषणात्मक पर अध्ययन किया।
अलीगढ़, जेएनएन । मंगलायतन विश्वविद्यालय के दृश्य एवं कला विभाग की अध्यक्ष डॉ. पूनम रानी द्वारा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत शोध परियोजना पर कार्य किया गया है। उन्होंने ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जैन चित्रकला का विश्लेषणात्मक पर अध्ययन किया। जिसे स्वीकृति प्राप्त हुई है। डॉ. पूनम रानी ने बताया कि परियोजना में जैन पोथी चित्रों के सौंदर्यात्मक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व का विश्लेषण किया गया है। जिसके लिये उन्हें विभिन्न संग्रहालयों में संग्रहित जैन पाण्डुलिपियों के अवलोकन का अवसर प्राप्त हुआ। जैन चित्र शैली से ही भारतीय लघु चित्रकला का प्रारम्भ माना गया है, इन जैन चित्रों में 24 तीर्थंकरों के जीवन के पहलुओं को अत्यंत सौन्दर्यात्मक ढंग से दर्शाया गया है। तीर्थंकरों के जीवन चरित्र चित्रण के अतिरिक्त अनेक प्रतीकात्मक पट चित्र तथा अनेक चित्रित यन्त्र भी प्राप्त होते हैं। इन चित्रों में लेखन कला के भी दर्शन होते हैं। ताडपत्र व कागज़ पर चित्रित इन ग्रन्थों में लेखन कार्य के लिये अनेक सामग्री सम्बन्धित अनेक तकनीक का प्रयोग किया गया है।
शिक्षक दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों का हुआ सम्मान
शिक्षक दिवस के अवसर पर जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया गया। जिसमें मंगलायतन विश्वविद्यालय के पांच शिक्षक भी सम्मानित किए गए। मंगलायतन विवि के कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने बताया शासन के निर्देश दिए थे कि पूर्व राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर जिले के उत्कृष्ट प्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक व शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाए। इसी क्रम में मंगलायतन विवि ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को चिन्हित किया था। जिन्हें डीएस कॉलेज में आयोजित कार्य्रकम में सम्मानित किया गया है। यह विवि के लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम में सम्मानित शिक्षकों में मंविवि के प्रो. महेश कुमार, प्रो. आरके शर्मा, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. दीपशिखा सक्सेना और डॉ. हिरा फातिमा है। शिक्षकों ने बताया कि वह बेहद खुश हैं। कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने हर्ष जाहिर किया। साथ ही उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों के रूप में माना जाता है। सम्मानित शिक्षकों कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिनेश शर्मा, डायरेक्टर अकादमिक एंड रिसर्च प्रो. उल्लास गुरूदास, डीन एन्ड डायरेक्टर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग प्रो. शिवाजी सरकार, डायरेक्टर मेडिकल एन्ड कंप्लायंस प्रो. वेंकट पीवी राओ, गोपाल राजपूत सहित सभी अधिकारियों और शिक्षकों ने बधाई दी।