डॉ. नीता बोलीं, 'मी टू ' से पुरुष समाज में भय, मगर कुछ महिलाएं भी गलत
देशभर में मी टू पर चल रही बहस के बीच एसवी कॉलेज में अंग्र्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इस कैंपेन से पुरुष समाज में भय व्याप्त हो गया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। देशभर में 'मी टू ' पर चल रही बहस के बीच एसवी कॉलेज में अंग्र्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इस कैंपेन से पुरुष समाज में भय व्याप्त हो गया है। शिकायत करने वाली महिलाओं के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है। जिनके साथ ऐसा हुआ, वे बैरियर तोड़कर आगे आईं अच्छी बात हैं, मगर समझौते की सीढिय़ां चढ़ चुकीं महिलाओं को आरोप लगाने की जरूरत नहीं है।
नामी-गिरामी हैं ज्यादातर आरोपी
एक यू-ट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में डॉ. नीता ने कहा कि इस कैंपेन की शुरुआत बॉलीवुड हस्तियों से हुई। जितने भी लोगों पर आरोप लगे, वे नामी-गिरामी और पैसे वाले थे। सभी समाज में मान-सम्मान रखने वाले लोग हैं। यौन उत्पीडऩ कहां नहीं है, हर क्षेत्र में ऐसा होता है। अब समझ नहीं आ रहा कि यह कैंपेन नीचे क्यों नहीं आ रहा।
आरोप सिद्ध कैसे होंगे?
इसके खिलाफ आवाज उठी अच्छी बात है।,मगर आरोप सिद्ध कैसे हों? कैसे सही माने जाएं? ऐसी बात हो रही हैं जैसे पूरा पुरुष समाज ही खराब हो और महिलाएं शीलवान हों। ऐसे स्थिति में यदि आरोप लगे तो उनकी तह तक जाया जाए। पुरुषों में भी अच्छे पुरुष हैं। महिलाओं में भी कुछ खराब हैैं।
महिलाओं ने दिखाया साहस
खास बात यह है कि इस आरोप की शुरूआत अभिनेता आलोकनाथ पर लगे आरोप से हुई हैं। इसके बाद से महिलाओं ने साहस करके अपनी चुप्पी तोडऩा शुरू कर दिया है। आरोपों से घिरे और बदनामी से बचने के लिए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने तो इस्तीफा तक दे दिया है। हालांकि इसे आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।