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डॉ. कफील की जमानत याचिका मंजूर, AMU में दिया था ऐसा बयान Aligarh News

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित डॉ. कफील खान की जमानत याचिका सोमवार को सीजेएम कोर्ट में मंजूर हो गई। एसटीएफ ने कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया था।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 10:21 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 05:03 PM (IST)
डॉ. कफील की जमानत याचिका मंजूर, AMU में दिया था ऐसा बयान Aligarh News
डॉ. कफील की जमानत याचिका मंजूर, AMU में दिया था ऐसा बयान Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित डॉ. कफील खान की जमानत याचिका सोमवार को सीजेएम कोर्ट में मंजूर हो गई। एसटीएफ ने कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अलीगढ़ में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए कफील को मथुरा जेल में रखा गया था।

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यह है मामला

12 दिसंबर को एएमयू में बाबे सैयद पर सभा में डॉ. कफील ने छात्रों में सांप्रदायिक भावना भड़काते हुए दूसरे समुदाय के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाला बयान दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। 13 दिसंबर को पुलिस ने डॉ. कफील के खिलाफ 153 आइटी एक्ट के तहत सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था। उसे अलीगढ़ लाया गया, जहां माहौल को देखते हुए एक घंटे के अंदर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मथुरा जेल भेज दिया था।

कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर की

 डॉ. कफील ने सीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की। अधिवक्ता इरफान गाजी ने बताया कि कोर्ट ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। उनसे 60 हजार के दो बॉंड भी भरवाए गए हैैं।

एएमयू छात्र नेता ने लगाए प्रशासन पर आरोप

एसीएम द्वितीय के यहां से एक लाख का मुचलकों को किया जा रहा जब्त

एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह के कोर्ट से छात्र नेताओं के खिलाफ जारी किए शांतिभंग के एक लाख के मुचलकों को जब्त करने के नोटिस जारी करने के मामले में विरोध शुरू हो गया है। एएमयू छात्र नेता हम्जा सूफियान ने इसका विरोध किया है।

छात्रनेता ने लगाए आरोप

सूफियान ने कहा है कि वह 15 दिसंबर की घटना के दिन शहर से बाहर थे। पिछले दिनों राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम और अपराध शाखा के विवेचक को भी लिखित बयान देकर स्पष्ट कर दिया है। जिला प्रशासन और पुलिस के पास इसके सीसीटीवी फुटेज भी हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन बिना पक्ष सुने ही कार्रवाई कर रहा है। अब एसीएम द्वितीय के यहां से एक लाख के मुचलकों को जब्त करने का फैसला हुआ है। यह पूरी तरह गलत है। जिला प्रशासन अपने अधिकारों का दुुरुपयोग कर रहा है। किसी मासूम को फंसाया जा रहा है। एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह के मुताबिक, शांतिभंग तोडऩे पर चार छात्र नेताओं की पहले की जमानत को निरस्त कर नया नोटिस जारी किया जा रहा है। अब इन सभी को दोबारा से जमानत के लिए मुचलके दाखिल करने होंगे।


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