अलीगढ़ में अफसरों की 'तबादला एक्सप्रेस' कहीं अटका न दें विद्यार्थी हित की योजनाएं
अलीगढ़ में डीआईओएस व जेडी के ट्रांसफर होने के साथ ही कार्यालय के 11 बाबुओं को भी दूसरे जिले में भेज दिया गया है। इससे कार्यालय का काम प्रभावित हो रहा है। अफसरों व कर्मचारियों के तबादले से छात्र हित की योजनाओं में रोड़ा लग रहा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी शासन की ओर से अफसरों के लिए तबादला एक्सप्रेस तेजी से चलाई गई है। अफसरों के स्थानांतरण की प्रकिया तो होती ही है, ये व्यवस्थाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जरूरी कदम भी है। मगर अफसरों व कर्मचारियों के तबादलों से छात्र हित की योजनाओं में कुछ समय के लिए रोड़ा आने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। डीआइओएस व जेडी के भी ट्रांसफर हो गए हैं। साथ ही डीआइओएस कार्यालय के 11 बाबुओं को भी दूसरे जिलों में भेज दिया गया है। मगर अभी ज्वाइनिंग किसी नए ने नहीं की है। इससे कार्यालय का काम भी प्रभावित हो रहा है। इसके चलते माध्यमिक विद्यालयों में जो आधुनिकता दस्तक देने को तैयार खड़ी थी उसमें सुस्ती आने की बातें भी प्रधानाचार्यों के मुंह से सुनाई दे रही हैं।
आनलाइन शिक्षा पर दिया गया जोर
माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कोरोना काल के बाद फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा की जानी थी। आनलाइन माध्यम पर आश्रित हुई शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। इस संबंध में अफसरों ने हर विद्यालय से कालेजों में उपलब्ध संसाधनों की सूचना भी मांगी थी। अब ये काम कुछ दिन अटकता दिख रहा है। परिषद की ओर से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके यहां उपलब्ध इंटरनेट सुविधा का ब्योरा मांगा गया था। जिले में अभी तक लगभग किसी भी कालेज में हाईस्पीड फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है। इन कालेजों को इस सुविधा से लैस करने को सूचना मांगी गई है। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। कालेजों में इंटरनेट की सुविधा बेहतर होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही शिक्षक दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए तैयार किए अपने शैक्षिक वीडियो को भी समय से अपलोड कर सकेंगे। वीडियो तैयार करने से लेकर उसको साइट पर अपलोड करने तक में अभी इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पडता था। इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास व सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए ब्राडबैंड रेडीनेस इंडेक्स के आकलन के संबंध में सूचना मांगी गई थी। मगर अब ये सूचना देने वाले भी सुस्त हो गए हैं।
इनका कहना है
आनलाइन शिक्षा की जरूरत काे ध्यान में रखते हुए कालेजों में इंटरनेट सुविधा बेहतर करने की योजना है। हर प्रधानाचार्य को तय प्रारूप पर इंटरनेट कनेक्शन की सूचना उपलब्ध करानी है। अभी तबादले के चलते जिला छोड़ रहे हैं लेकिन पद पर जो भी कार्यभार संभालेंगे वो प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाएंगे। ये शासनस्तर की योजनाएं हैं इनका क्रियान्वयन होना ही है।
डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा, निवर्तमान डीआइओएस