War with Corona : लापरवाही न बरतें, सक्रिय मरीजों में रोजाना हो रहा उतार-चढ़ाव Aligarh news
कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई हो। संक्रमित मरीज भी पहले से कम निकल रहे हों लेकिन सक्रिय मरीज खत्म नहीं हो रहे। शनिवार को पांच नए मरीज मिलने के बाद यह संख्या बढ़कर 23 पहुंच गए।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई हो। संक्रमित मरीज भी पहले से कम निकल रहे हों, लेकिन सक्रिय मरीज खत्म नहीं हो रहे। शनिवार को पांच नए मरीज मिलने के बाद यह संख्या बढ़कर 23 पहुंच गए। इसलिए किसी भ्रम में न रहें, पहले की तरह सतर्कता बरतें। अन्यथा, फिर से संक्रमण की चेन बननी शुरू हो जाएगी। इसलिए लापरवाही बिल्कुल न बरतें। चेहरे पर मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते रहें। रविवार को दो मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया, वहीं पांच नए मरीज और बढ़ गए। 25 जून को सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर मात्र 16 रह गई थी। वहीं, अब यह संख्या बढ़कर 23 हो गई है। रविवार को इगलास के गांव भूरियागढ़ी में 25 वर्षीय युवक, गंगीरी में 60 वर्षीय बुजुर्ग, क्वार्सी में 57 वर्षीय महिला, अकराबाद के नगला खूबा में 58 वर्षीय महिला व गांव बिसतौली में 49 वर्षीय महिला संक्रमित मिली है।
शारीरिक दूरी का उल्लंघन
संक्रमण घटने पर लाकडाउन में मिली रियायत का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। वे लापरवाह हो गए हैं। रामघाट रोड, दुबे पड़ाव, नौरंगाबाद, महावीर गंज, रेलवे रोड, रसलगंज, कनवरी गंज, बारहद्वारी समेत तमाम बाजारों में खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इनमें से 50 फीसद लोग भी अब मास्क में नहीं दिखाई दे रहे। शारीरिक दूरी का उल्लंघन अलग से कर रहे हैं। ऐसे हालात में यदि तीसरी लहर या नया वेरिएंट आया तो संक्रमण की चेन को बनने से रोकना मुश्किल हो जाएगा। हम जहां से चले थे, वहीं पर पुनः पहुंच जाएंगे। इसलिए घर से बाहर निकलते समय चेहरे पर मास्क व शारीरिक दूरी का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
संक्रमण की स्थिति
21 जून, 01
22 जून, 02
23 जून, 01
24 जून, 01
25 जून, 00
26 जून, 04
27 जून, 05
इनका कहना है
दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई हो, लेकिन तीसरी लहर के मद्देनजर मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई व शारीरिक दूरी के नियम का पालन पहले की तरह करते रहें। जब तक जनपद में एक भी संक्रमित मरीज रहेगा, खतरा सिर पर मंडराता रहेगा। कोरोना से बचाव के िलए टीकाकरण भी बहुत जरूरी है।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।