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नीटू की कुर्सी सालभर तक सुरक्षित!

-शासन के परामर्श के बाद डीएम ने विरोधी गुट को तिथि देने से किया इंकार -हालांकि विरो

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Aug 2017 02:21 AM (IST)Updated: Sun, 27 Aug 2017 02:21 AM (IST)
नीटू की कुर्सी सालभर तक सुरक्षित!
नीटू की कुर्सी सालभर तक सुरक्षित!

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : जिला पंचायत अध्यक्ष उपेंद्र सिंह नीटू की कुर्सी सालभर तक सुरक्षित नजर आ रही है। डीएम ने विरोधी के अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए शक्ति प्रदर्शन के लिए तिथि देने से इन्कार कर दिया है। शासकीय राय के बाद डीएम की तरफ से विरोधी गुट को पत्र भी जारी किया गया है। विरोधी गुट फिर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।

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सत्ता परिवर्तन के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है। योगी सरकार में पहली बोर्ड की बैठक में ही पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुधीर चौधरी ने अध्यक्ष के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। विरोधी गुट की तरफ से 29 सदस्यों के शपथ पत्र डीएम को सौंपे गए। चार के हस्ताक्षर नहीं मिले तो उसे वापस कर दिया गया। इन सदस्यों ने दोबारा शपथ पत्र दे दिए। इस पर डीएम ने विरोधी गुट को शक्ति परीक्षण के लिए 29 जुलाई का समय दिया, लेकिन अध्यक्ष पक्ष कोर्ट चला गया। वहां से विरोधी गुट के प्रस्ताव में तकनीकी खामी मानते हुए वापस कर दिया गया और दोबारा देने को कहा गया। विरोधी गुट ने डीएम को दोबारा अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। डीएम ने 21 अगस्त को इस पर शासन से परामर्श मांगा कि एक बार अविश्वास प्रस्ताव वापस होने पर क्या एक साल के अंदर दोबारा लाया जा सकता है। शुक्रवार को शासन के विशेष सचिव सुशील कुमार ने डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि विधिक परामर्श के अनुसार अगर एक साल व्यतीत नहीं हुआ है तो दोबारा अविश्वास नहीं आ सकता। इसी को आधार मानते हुए डीएम ने विरोधी गुट के प्रस्ताव को वापस कर दिया। उन्होंने विरोधी गुट को शक्ति परीक्षण के लिए तिथि देने भी इन्कार किया है। इस मामले में डीएम से बात करने का प्रयास किया, मगर उनका फोन नहीं उठा।

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पाला बदलते ही मिली मजबूती

पूर्व मंत्री ठा. जयवीर सिंह बीते दिनों भतीजे उपेंद्र सिंह नीटू समेत बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। चर्चाएं थीं कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को बचाने के लिए ही उन्होंने यह फैसला लिया है। भाजपा में आने के बाद उन्हें मजबूती भी मिली। भाजपा हाईकमान भी सीट बचाने में लग गया है।

हर-दांव फेल : डीएम के इस फैसले से विरोधी गुट को तगड़ा झटका लगा है। छह महीने की तैयारी ध्वस्त हो गई हैं। हालांकि विरोधी सदस्य प्रशासन पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने के आरोप लगा रहे हैं।

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हमें हर हाल में जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाना है। अब हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर करेंगे। प्रशासन कुछ लोगों के दबाव में यह सब कर रहा है, मगर हम भी हार मानने वाले नहीं हैं। कोर्ट ने ही हमें दोबारा अविश्वास प्रस्ताव देने के निर्देश दिए थे।

अजीत गौड़, जिला पंचायत सदस्य, विरोधी गुट

यह सच्चाई की जीत है। मेरे पास पूर्ण बहुमत था और आगे भी रहेगा। शासन-प्रशासन ने सही फैसला लिया है। विकास के विरोधी कुछ जिला पंचायत सदस्य खुद के फायदे के लिए यह रणनीति चल रहे थे।

उपेंद्र सिंह नीटू, जिला पंचायत अध्यक्ष


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