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पांच साल पुराने मामले में जिला जज ने 12 लोगों को दिया आजीवन कारावास, जानिये पूरा आदेश

लोधा क्षेत्र के गांव जतनपुर चिकावटी में पांच साल पहले हुई फौजदारी के मामले में 12 आरोपित दोषी ठहराए हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 04:35 PM (IST)
पांच साल पुराने मामले में जिला जज  ने 12 लोगों को दिया आजीवन कारावास, जानिये पूरा आदेश
पांच साल पुराने मामले में जिला जज ने 12 लोगों को दिया आजीवन कारावास, जानिये पूरा आदेश

अलीगढ़ (जेएनएन)।  लोधा क्षेत्र के गांव जतनपुर चिकावटी में पांच साल पहले हुई फौजदारी के मामले में 12 आरोपित दोषी ठहराए हैं।  जिला जज नवीन श्रीवास्तव ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक आरोपित नाबालिग होने के कारण उसका मुकदमा जुवेनाइल कोर्ट में चलेगा। आरोपितों पर दो लाख 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

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सोरन उर्फ सिंदू की हुई थी हत्या

डीजीसी धीरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार जतनपुर चिकावटी के नरेशपाल सिंह पुत्र उदयपाल सिंह ने थाना लोधा में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि चार जुलाई 2013 की सुबह भाई मुनेशपाल सिंह व भतीजे सोरन सिंह, हरेंद्र पाल सिंह व भूरा प्लॉट पर काम कर रहे थे। तभी पड़ोसी मुनी पुत्र सत्यपाल, उसके बेटे रिकेश, रवि, भीकेंद्र पुत्र राजपाल, उसका बेटा आशू, मोटा, अतेंद्र व सत्येंद्र पुत्र महेंद्र, सज्जन पुत्र सूरजपाल, उसके बेटे दीपा, बंटी, राजकुमार पुत्र रमेश, उसका बेटा गौरव आदि हथियारों से लैस होकर आ गए। उनके परिवार की महिलाएं भी हाथों में लाठी-डंडे, फरसा आदि लेकर आ गईं। उन्होंने जान से मारने की नीयत से हमला बोल दिया। चीख-पुकार पर पहुंचे भाई पे्रम, बेटा सन्नी, भतीजे रिंकू, पप्पू बचाने पहुंचे तो उन पर भी हमला कर घायल कर दिया। सोरन सिंह, प्रेमपाल व पप्पू व करुणानिधि सिर में गंभीर चोट लगने से घायल हो गए। घायलों को मेडिकल में भर्ती कराया, जहां आठ जुलाई को उपचार के दौरान सोरन उर्फ सिंदू की मौत हो गई।

बच्चों के विवाद में हुआ था झगड़ा

पुलिस विवेचना में साफ हुआ कि घटना से एक दिन पहले खेलने के दौरान बच्चों में विवाद हुआ था। फिर मुनेशपाल व उनके बेटे सोरन, भूरा व हरेंद्र से मुनी व उसके बेटे रिंकेश की कहासुनी हो गई थी। पुलिस ने आरोपितों को जेल भेजते हुए चार्ज शीट दाखिल की थी। जिला जज की कोर्ट में दोनों पक्षों ने नौ जनवरी को पक्ष रखा था। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए शुक्रवार का दिन नियत किया था।

इन्हें मिली सजा 

कोर्ट ने आरोपित मुनी, भीकेंद्र,  बंटी, अतेंद्र, सत्येंद्र, राजकुमार, गौरव, मोटा उर्फ चंद्रप्रकाश, रवि, रिंकेश, सज्जन पाल व दीपा को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है।

मिला सकून, उभर आया दिल का दर्द

 फौजदारी के मामले में 12 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा के फैसले से पीड़ित परिजनों की आंखें भर आईं। उन्होंने न्याय व्यवस्था पर विश्वास व संतुष्टि जाहिर की, लेकिन सोरन उर्फ सिंदू की याद करके पिता मुनेशपाल सिंह पुरानी यादों में खो गए।


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