Hathras Case: उप्र सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष,पीडि़त परिवार को सुना, सौंपेगे सीएम को रिपोर्ट
उप्र सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष लालमणि वाल्मीकि ने शनिवार को बूलगढ़ी में पीडि़तों को न्याय का भरोसा दिया। उन्होंने बताया कि सीएम के निर्देश पर मृतका के स्वजन से दुख-दर्द जानने आए हैं। इनकी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए वह सीएम से अनुरोध करेंगे।
हाथरस, जेएनएन। उप्र सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष लालमणि वाल्मीकि ने शनिवार को बूलगढ़ी में पीडि़तों को न्याय का भरोसा दिया। उन्होंने बताया कि सीएम के निर्देश पर मृतका के स्वजन से दुख-दर्द जानने आए हैं। इनकी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए वह सीएम से अनुरोध करेंगे। इस प्रकरण से सीएम बेहद आहत हैं। परिवार की पूरी मदद की है। दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। बताया कि तबीयत ठीक न होने के कारण यहां आने में देरी हुई है। वे दोपहर करीब 12 बजे मृतका के घर पहुंचे और बंद कमरे में पीडि़तों से बात की। इस दौरान स्वजन ने घटना की जानकारी दी। साथ ही प्रशासन और पुलिस के प्रति नाराजगी भी जताई।
सुप्रीम कोर्ट तक दिलाएंगे इंसाफ
हाथरस : ऑल इंडिया लायर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मृतका के परिवार से मिला। भरोसा दिलाया वह परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहल करेंगे। परिवार भी किसी वक्त आकर उनसे विधिक राय ले सकता है। विधिक राय का कोई शुल्क पीडि़त परिवार से नहीं लिया जाएगा। यहां मीडिया से बातचीत में एसोसियेशन प्रदेश सचिव ब्रजवीर ङ्क्षसह ने कहा कि परिवार प्रशासन के व्यवहार से कतई संतुष्ट नहीं है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि परिवार को सबसे बड़ी शिकायत ये है कि प्रशासन ने पूरे परिवार को एक कमरे में बंद करके बिटिया के शव का आधी रात को अंतिम संस्कार कर दिया, जो ङ्क्षहदू परंपरा के खिलाफ है। अयोध्या का फैसला परंपरा के अनुसार दिया गया था, मगर यहां परंपरा की धज्जियां उड़ाई गई हैं। एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य ओपी शर्मा ने कहा कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। ये प्रकरण पूरे समाज को झकझोर देने वाला है। घटना को अंजाम देने वालों को सजा मिलनी ही चाहिए। टीम में देेवेंद्र ङ्क्षसह, रंजना चौधरी और प्रवीन भारती भी मौजूद थे।
राज्यपाल व सीएम को बताएंगे हालात
हाथरस : भाकियू नेता रामबाबू ङ्क्षसह चौहान ने शनिवार को बूलगढ़ी में मृतका के स्वजन से मुलाकात की। उन्होंने पीडि़त पक्ष के आरोपों को सही बताते हुए कहा कि मृतका का मुंह स्वजन को नहीं देखने दिया और बलपूर्वक उसका दाह संस्कार कर दिया। पीडि़त परिवार सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में 12-13 अक्तूबर को लखनऊ में राज्यपाल व मुख्यमंत्री व मिलकर स्थिति से अवगत कराएगा।