डेंगू-मलेरिया के मरीजों की भरमार, व्यवस्था बदहाल, जनपद में डेंगू के 65 मरीज Aligarh News
जिले भर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप और बढ़ गया है। जिला अस्पताल में भाजपा पार्षद समेत छह डेंगू रोगियों के भर्ती होते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई।
अलीगढ़ (जेएनएन)। स्वास्थ्य विभाग के दावे और कवायद खोखले साबित हुए हैं। जिले भर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप और बढ़ गया है। जिला अस्पताल में भाजपा पार्षद समेत छह डेंगू रोगियों के भर्ती होते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। इनमें दो नए मरीज गुरुवार को सामनेे आए। सीएमओ समेत तमाम अफसर फील्ड में उतर गए।
ये हैं मेडिकल के हालात
मेडिकल कॉलेज की बात करें तो यहां ओपीडी में 60-70 फीसद मरीज संदिग्ध डेंगू के ही हैं। हालांकि, यहां पर अलीगढ़ के अलावा, हाथरस, एटा, कासगंज, बुलंदशहर, मथुरा, बदायूं आदि जनपदों के भी मरीज शामिल हैं। मेडिसिन डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. मुजाहिद बेग ने बताया मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वार्ड 11, 12 व 13 को डेंगू वार्ड में परिवर्तित कर दिया है। रोजाना ही सैकड़ों मरीजों के एलीजा टेस्ट किए जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में मरीज बढ़े
उधर, जिला अस्पताल में भर्ती छह मरीजों को अधिकारी अभी संदिग्ध ही मान रहे हैं। इनमें भाजपा पार्षद नीलेश मित्तल, उनके भतीजे विकास की पत्नी कल्पना (34), बेटी कुमकुम (10), नींवरी मोड़ निवासी शकीला बेगम (52), कनवरीगंज निवासी दिलीप (42), इगलास से रेफर होकर एटा के गांव जैथरा निवासी पंकज कुमार शामिल हैं। वहीं, भाजपा नेता मुकेश मांची के अनुसार पत्नी कामना उपाध्याय (44) व भतीजी इशिता (17) भी देव हॉस्पिटल में भर्ती हैं। डॉक्टर ने डेंगू बताया है। विभागीय जानकारी के अनुसार इस सीजन में मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में 480 एलीजा टेस्ट में डेंगू के 65 मरीज व 1.15 लाख रक्त नमूनों के सापेक्ष 600 मलेरियों के मरीजों की पुष्टि हुई है। 16 हजार 101 रक्त नमूनों के सापेक्ष 122 मलेरिया के मरीज अक्टूबर में ही सामने आ चुके हैं।
सीएमओ को मिली बीमार व्यवस्था
डेंगू-मलेरिया का प्रकोप बढ़ते ही सीएमओ डॉ. एमएल अग्र्रवाल ने खुद कमान संभाल ली। सुबह सात बजे ही अधीनस्थों के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए। यहां व्यवस्थाएं खुद बीमार मिली। सीएमओ ने इमरजेंसी में बंद पड़े डेंगू वार्ड का ताला खुलवाया। बच्चा वार्ड के सामने जलभराव व नाली में लार्वा मिला। वार्ड के पीछे निष्प्रोज्य सामान में भी मच्छरों की भरमार थी। सीएमओ ने इस पर नाराजगी जताई।
अस्पताल में ही बनाई रणनीति
सीएमओ ने अस्पताल में अधीनस्थों के साथ बैठक की। प्राइवेट वार्ड को डेंगू वार्ड व वार्ड सात को बुखार के मरीजों के लिए चिह्नित किया। कहा, यदि कोई बुखार का मरीज डेंगू पॉजिटिव होता है, तो उसे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाए। डॉ. बाल किशन व दीनदयाल अस्पताल के डॉ. अनिरुद्ध माहेश्वरी की ओपीडी में अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई।
नोडल अधिकारी नियुक्ति
एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा को टप्पल, डिप्टी सीएमओ डॉ. एसपी सिंह को इगलास, डॉ. खानचंद्र को जवां, डॉ. ब्रज मोहन को अकराबाद व नगर में डॉ. एसए खान और डॉ. एससी गुप्ता को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए तत्काल भ्रमण के निर्देश दिए।
एडवाइजरी भी जारी
कार्यवाहक एडी हेल्थ डॉ. एमएल अग्र्रवाल ने हाथरस, एटा व कासगंज के सीएमओ व सीएमएस को भी डेंगू-मलेरिया से निबटने के लिए एडवाइजरी जारी की है। तत्काल अधीनस्थों को ट्रेनिंग दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
मलेरिया कर्मियों ने चलाया अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ के नेतृत्व में 10 टीमों ने मलखान सिंह नगर, जिला चिकित्सालय, नीवरी मोड़ बाइपास, आवास विकास कॉलोनी, सराय पीतांबर, एटा चुंगी, किशनपुर, डालचंद का नगला, मौलवी का नगला, सुरेंद्र नगर में लार्वा रोधी दवा का छिड़काव किया। लोगों को डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए क्या करें क्या न करें की जानकारी दी। नगला मसानी, सुरेंद्र नगर, मौलवी का नगला एवं दीनदयाल चिकित्सालय में फॉगिंग कराई गई। कामाख्या मंदिर, पला साहिबाबाद में हेल्थ कैंप लगाकर मरीजों की जांच की गई। भाजपा पार्षद नीलेश मित्तल के घर के फ्रीज समेत सात स्थानों पर ठहरे पानी में लार्वा मिला।
तीन पैथोलॉजी संचालकों को नोटिस
डीएमओ डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जनपद में मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में डेंगू की मान्य जांच उपलब्ध है, मगर कुछ प्राइवेट डॉक्टर व लैब्स संचालक 125 रुपये में आने वाली रेपिड किट से जांच कर मरीजों को भयभीत और गुमराह कर रहे हैं। मरीज चाहें तो इसकी शिकायत कर सकते हैं। भïट्ट पैथोलॉजी लैब, कुमार पैथोलॉजी व सुखदा पैथोलॉजी लैब्स को संदिग्ध रिपोर्ट देने पर सीएमओ की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं।
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, हल्की ठंड, हाथ-पैरों में जकडऩ, जी मिचलाना, उल्टियां आदि डेंगू के लक्षण हैं। बाद में त्वचा पर दाने, पेशाब, मल व उल्टियों में खून, ब्लड हेमरेज हो जाता है। यह घातक स्टेज है। इसलिए लक्षण देखते ही जांच कराएं।
जलभराव न होने दें
सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल का कहना है कि लोग साफ-सफाई पर ध्यान दें और जलभराव न होने दें। रुके पानी में मोबिल ऑयल या मिïट्टी का तेल डाल दें। रात को मच्छरदानी आदि से बचाव करें। सरकारी अस्पतालों में डेंगू-मलेरिया व अन्य बीमारियों के इलाज की समुचित व्यवस्था है।