डेंगू-मलेरिया की किट, मुनाफे में ऐसे हो रही फिट, जानिए सच Aligarh News
सर्जिकल स्टोर पर 25 रुपये की मलेरिया किट पर 300 व 250 रुपये की डेंगू किट पर 1000 से 1500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। मौसम बदलते ही डेंगू-मलेरिया के खौफ की आड़ में मुनाफे का खेल शुरू हो गया है। तमाम प्राइवेट डॉक्टर व पैथोलॉजी लैब्स में जांच के नाम पर सस्ती किट इस्तेमाल हो रही हैं। सर्जिकल स्टोर पर 25 रुपये की मलेरिया किट पर 300 व 250 रुपये की डेंगू किट पर 1000 से 1500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। डेंगू किट की तो कोई मान्यता भी नहीं हैं और न उसके आधार पर डेंगू की पुष्टि की जा सकती है।
डेंगू मलेरिया का डर दिखाकर टेस्ट
तमाम प्राइवेट अस्पतालों व लैब्स में बुखार से ग्र्रस्त तमाम मरीजों को डेंगू-मलेरिया का डर दिखाकर टेस्ट कराए जा रहे हैं। डेंगू में एनएस-वन एटीजन टेस्ट के लिए रेपिड डायग्नोस्टिक किट इस्तेमाल हो रही है। इसकी सेंसिटिविटी कम होने से कई बार डेंगू न होने पर भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। मलेरिया की जांच भी ऐसी ही किट से हो रही है।
ऐसे हो रहा खेल
बाजार में दो प्रकार की डेंगू किट (एंटी बॉडी व एंटी जैन) उपलब्ध हैं। एंटी बॉडी किट 150 व एंटी जैन किट 250 रुपये में खरीदी जा सकती है। प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स इन दोनों ही टेस्ट के 1000 से 1500 रुपये या इससे ज्यादा चार्ज करती हैं। डेंगू की पुष्टि के लिए इनकी रिपोर्ट जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज ही भेजी जाती हैं। मलेरिया की जांच के नाम पर भी खूब वसूली हो रही है।
मांग में इजाफा
अलीगढ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू बताते हैं कि विगत वर्षों में डेंगू व मलेरिया किट की बिक्री में खूब इजाफा हुआ है। एक सीजन में लाखों रुपये की किट खप जाती हैं।
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सुविधा
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि डेंगू व मलेरिया को लेकर बिल्कुल न घबराएं। कई बार मलेरिया, जापानीज इंसेफ्लाइटिस, लेप्टोस्पाइरोसिस, मीजल्स, इंफ्लूएंजा, वेस्ट नील रीवर और यलो फीवर आदि में डेंगू पॉजिटिव आता है। इसमें एलीजा विधि द्वारा ही प्रमाणिक है, जो जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मुफ्त है। मलेरिया की जांच जिला अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल समेत सभी सीएचसी, शहरी पीएचसी पर उपलब्ध है।