इगलास के किसानों की मांग, आलू की सही भाव व प्लेटफार्म मिल जाए तो दशा सुधर जाए
इगलास में आलू की बंपर पैदावार होती है। कहावत है कि आलू का घाटा आलू से पूरा होता है। कभी आलू कौड़ी के भाव बिकता है तो कभी ऐसा भाव दिखाता है किसान राजा बन जाता है। आज तक किसी नेता ने आलू को मुद्दे के रूप मे नहीं लिया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। आलू को लेकर कहावत है कि आलू का घाटा आलू से पूरा होता है। कभी आलू का कोई मोल नहीं होता है तो कभी आलू रंक से राजा बना देता है। इगलास क्षेत्र में आलू की जिस तरह पैदावार होती है उसी तरह भाव मिल जाए तो नुकसान की नौबत ही न आए। कभी किसी नेता ने आलू को मुद्दे के रूप में नहीं लिया। यहां के किसानों को आलू की सही भाव व प्लेटफार्म मिल जाए तो उनकी दशा सुधार जाए। इसके लिए आलू किसान चाहते हैं कि इगलास में मंडी स्थापित की जाए।
समर्थन मूल्य घोषित न होने से आलू किसान परेशान
आलू किसानों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसका समर्थन मूल्य घोषित नहीं होता। इगलास क्षेत्र में आलू की बंपर पैदावार होती है। कोई प्लेटफार्म न होने के कारण व्यापारी व बिचौलिये अपनी मर्जी से आलू का भाव तय करते हैं। इगलास में अभी उप मंडी है। किसान राजवीर सिंह का कहना है कि सरकार को आलू का समर्थन मूल्य घोषित करने के साथ आलू निर्यात करने की व्यवस्था होनी चाहिए। सत्यवीर सिंह ने बताया कि आलू बिक्री की व्यवस्था ठीक हो जाए तो किसानों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। सुरेंद्र ङ्क्षसह का कहना है कि स्थानीय मंडी को पृथक मंडी का दर्जा दिलाकर यहीं आलू की बिक्री की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इनका कहना है
किसानों को आलू का उचित मूल्य दिलाया जाएगा। इस बार मुझे पूरा मौका मिला है। किसानों की कोई समस्या नहीं रहने दी जाएगी। आलू किसानों की हरसंभव मदद करेंगे।
राजकुमार सहयोगी, इगलास विधायक