Basic Education Council: 15 मिनट पहले आने व 15 मिनट बाद तक रुकने के फरमान ने दी टेंशन Aligarh News
किसी भी काम को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए समय के प्रति खासा ईमानदार होना पड़ता है। अमूमन देखने में आता है कि लोग आफिस व्यापार या खासतौर से शिक्षा क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय से नहीं पहुंचते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। किसी भी काम को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए समय के प्रति खासा ईमानदार होना पड़ता है। अमूमन देखने में आता है कि लोग आफिस, व्यापार या खासतौर से शिक्षा क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय से नहीं पहुंचते हैं। मगर अब समय से पहुंचने की बाध्यता से भी अलग नया फरमान जारी किया गया है। यह फरमान शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े राष्ट्र निर्माताओं के लिए है। इसलिए कई लोगों को इस सरकारी फरमान ने टेंशन दे दी है। नए फरमान के तहत अब 15 मिनट पहले आने और काम खत्म होने के बाद 15 मिनट तक रुकने की व्यवस्था बनाई गई है। निर्धारित समय को ही उपयोग करने में जिनको दिक्कत होती हो उनके लिए तो ये फरमान पहाड़ टूटने से कम नहीं है।
बेसिक शिक्षा के स्कूलों में नया नियम
बेसिक शिक्षा परिषद के एक से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब नए नियम के तहत स्कूल आने व स्कूल से जाने की आदत डालनी होगी। शीतकाल में स्कूलों का समय सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक था। मगर अब नए सत्र से स्कूल का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक शासनस्तर से किया गया है। हालांकि अभी बच्चों को स्कूल में नहीं आना है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। मगर शिक्षकों को स्कूल पहुंचकर जरूरी काम निपटाने हैं। उनको नए समय पर ही विद्यालय जाना होगा। मगर विद्यालय सुबह आठ बजे नहीं पहुंचना होगा और न ही विद्यालय से दो बजे जाना होगा। नए फरमान के तहत शिक्षकों को सुबह 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचना होगा। कक्षाओं की व्यवस्था सही कर अपनी पाठयोजना का अवलोकन करना होगा। पढ़ाई खत्म होने पर दो बजे स्कूल नहीं छोड़ा जाएगा। अवकाश के बाद भी 15 मिनट तक रुककर प्रधानाध्यापक को रिपोर्ट कर शिक्षक स्कूल छोड़ेंगे। उस 15 मिनट में अगले दिन की पाठयोजना के बारे में तैयारी करनी होगी। मगर जमीनी हकीकत देखें तो ज्यादातर शिक्षक निर्धारित समय के बाद विद्यालय पहुंचते हैं और अवकाश होने से पहले ही विद्यालय से निकल लेते हैं। कुछ ही शिक्षक हैं जो समय से स्कूल जाते व आते हैं। स्कूल आने-जाने में मनमानी करने वाले शिक्षकों को काफी टेेंशन हो रही है। अभी शिक्षक संघाें ने इसका विरोध करने का मन भी बनाया है। कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद इसका विरोध किया जाना तय है।
शैक्षिक गुणवत्ता में निखार आएगा
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए शासनस्तर से ये व्यवस्था बनाई गई है। 15 मिनट पहले आकर व्यवस्थाएं व पाठयोजना सही ढंग से अवलोकित होंगी। अवकाश के बाद 15 मिनट रुककर अगले दिन की कार्ययोजना पर काम करने से शैक्षिक गुणवत्ता में निखार आएगा।