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Decision on the future of the innocent: लावारिस बच्ची को अपनाने कई दंपती पहुंचे अस्पताल

क्वार्सी पैंठ में शुक्रवार को लावारिस मिली नवजात बच्ची को अपनाने को कई निसंतान दंपती शनिवार को अस्पताल पहुंच गए।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 11:16 PM (IST)
Decision on the future of the innocent: लावारिस बच्ची को अपनाने कई दंपती पहुंचे अस्पताल
Decision on the future of the innocent: लावारिस बच्ची को अपनाने कई दंपती पहुंचे अस्पताल

अलीगढ़ जेएनएन :  क्वार्सी पैंठ में शुक्रवार को लावारिस मिली नवजात बच्ची को अपनाने को कई नि:संतान दंपती शनिवार को अस्पताल पहुंच गए। फिलवक्त बाल कल्याण समिति ने बच्ची की देखरेख का जिम्मा चाइल्ड लाइन को सौंपा है। 

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बता दें कि क्वार्सी क्षेत्र में कमिश्नरी के सामने पैंठ मैदान में एक नवजात बच्ची लावारिस पड़ी मिली थी। बच्ची का नाल भी नहीं कटा था। पुलिस ने उसे महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटे लाल ने बताया कि बच्ची को गोद लेने के इच्छुक कई दंपतियों ने थाने आकर संपर्क किया है। इसके अलावा कई ने अस्पताल में जाकर बच्ची को अपनाने की इच्छा व्यक्त करते हुए उसे सुपुर्दगी में देने की बात कही।

चाइल्ड लाइन को देखरेख का जिम्मा 

उन्होंने बताया कि बच्ची को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मीरा वाष्र्णेय के समक्ष पेश किया गया। जहां से मासूम को उड़ान सोसाइटी से संचालित चाइल्ड लाइन को देखरेख का जिम्मा दिया गया है। बच्ची को लावारिस फेंकने वाले माता-पिता को खोजा जा रहा है। उधर चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि मासूम को कोरोना टेस्ट कराया गया है, रिपोर्ट आने पर उसका टीकाकरण कराया जायेगा, फिर उसे आगरा बालगृह में भेजा जायेगा। इसके बाद उसके भविष्य पर बाल कल्याण समिति फैसला लेगी। श्री मिश्रा ने बताया कि बच्ची को गोद लेने के लिए उनके पास तमाम लोगों के फोन आए हैं। हालांकि गोद लेने की प्रक्रिया ऑनलाइन है और इसके लिए आवेदक को वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने होते हैं। औपचारिकताओं को पूरा कराने पर ही रजिस्टर्ड गोदनामा दिया जाता है।

रोने की आवाज पर ठिठके कदम

क्वार्सी चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर कमिश्नरी के ठीक सामने पैंठ मैदान है। यहां शुक्रवार सुबह कुछ राहगीरों ने नवजात ब'ची के रोने की आवाज सुनीं। वह अनवरत रो रही थी। सूरज  की तपन उसे झुलसा रही थी। मासूम लगातार रो-रोकर शायद मां से यही पूछ रही थी कि अगर मुझे यूं ही ङ्क्षजदगी देकर लावारिस फेंक देना था तो जन्म ही क्यों दिया। आखिर, मेरा क्या कसूर? मां तुम भी तो किसी की बेटी हो, फिर बेटियों से इतनी नफरत क्यों?

ऐसी क्या मजबूरी रही
नवजात ब'ची को मां ने आखिर क्यों छोड़ दिया, ऐसी क्या मजबूरी थी? इस तरह के सवाल लोगों के जेहन में गूंज रहे थे। शायद उसे बेटी होने की सजा मिली। मां के सामने जरूर कोई मजबूरी रही होगी, तभी उसने उसे ठुकराया, लेकिन इसमें ब'ची का तो कोई दोष नहीं है।
स्वस्थ है नवजात
कपड़े में लिपटी मिली नवजात की नाल भी नहीं कटी थी। पुलिस उसे जिला महिला चिकित्सालय ले गई। सीएमएस डॉ. जेपी शर्मा ने बताया कि ब'ची को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है। ब'ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है। वहीं, इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटेलाल ने बताया कि हल्का चौकी इंचार्ज अवनीश कुमार की ओर से अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।


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