हाथरस में भूख और बेकारी ने ले ली मजदूर की जान, तिरपाल में गुजारा जीवन
सादाबाद तहसील क्षेत्र के गांव बिलारा में बुधवार रात भूख और बेकारी ने एक मजदूर की जान ले ली। उसे चार दिन से कहीं काम नहीं मिल पाया था जिससे घर में फांकाकशी के हालात थे।
हाथरस (जेएनएन)। सादाबाद तहसील क्षेत्र के गांव बिलारा में बुधवार रात भूख और बेकारी ने एक मजदूर की जान ले ली। उसे चार दिन से कहीं काम नहीं मिल पाया था जिससे घर में फांकाकशी के हालात थे। आसपास के लोग भूख से मौत बता रहे थे मगर प्रशासन ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया।
मजदूर को कई दिन से नहीं मिला था काम
40 वर्षीय डोरीलाल पुत्र हिम्मत ङ्क्षसह मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते थे। परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं। कई दिन से काम न मिलने से डोरीलाल परेशान थे। घर में दो वक्त की रोटी के लाले पडऩे लगे। लोगों के मुताबिक काम न मिलने से डोरीलाल मानसिक रूप से परेशान थे। पूरा परिवार तिरपाल में गुजर बसर कर रहा था। लोगों के मुताबिक चार दिन से कहीं काम व मजदूरी न मिलने के कारण वह खुद भूखा था। माना जा रहा है भूख के चलते ही उसकी मौत हो गई, जबकि प्रशासन ऐसा मानने को तैयार नहीं है।
तिरपाल में रहकर गुजारा जीवन
पूरा परिवार तिरपाल में गुजर बसर कर रहा था। ठंड व बरसात के मौसम भी तिरपाल में बिताए, लेकिन सरकारी महकमा मानने को तैयार नहीं है। ग्राम पंचायत सचिव धर्मेन्द्र ङ्क्षसह के मुताबिक डोरीलाल के पास राशनकार्ड था। प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में उसकी पत्नी कौशल्या का नाम शामिल है। डोरीलाल प्रधान से आवास बनवाने की गुहार लगा रहा था। पंचायत सचिव का कहना है कि धनराशि आते ही प्राथमिकता पर कौशल्या के आवास का निर्माण कराया जाएगा।