करोड़ों खर्च, फिर भी सफेद हाथी साबित हो रहे अलीगढ़ के बस स्टैंड
प्रशासनिक अफसरों ने जिस तत्परता से शहर से बाहर प्राइवेट बस स्टैंडों का निर्माण कराया था, अब उनकी बेकदरी भी उसी तरह हो रही है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। कुछ दिनों पहले प्रशासनिक अफसरों ने जिस तत्परता से शहर से बाहर प्राइवेट बस स्टैंडों का निर्माण कराया था, अब उनकी बेकदरी भी उसी तरह हो रही है। दो करोड़ से ज्यादा धनराशि खर्च कर तीनों बस स्टैंड महज सफेद हाथी हो रहे हैं। यहां पूरे दिन सन्नाटा रहता है। बसें नजर आती हैं न यात्री। सड़कों पर बसें खड़ी करके सवारियां ढोते ही नजर आते हैं।
ऐसे बाहर हुए थे शहर से बस स्टेंड
मडराक के पास सितंबर में प्राइवेट बसों की भिडं़त में हुई 13 लोगों की मौत के बाद डीएम चंद्रभूषण सिंह ने प्राइवेट बसें शहर में न घुसने का फैसला लिया। कुछ दिनों में ही बस अड्डे शहर से बाहर कर दिए। शहर में आने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसमें कमिश्नरी के सामने धौर्रामाफी, सिंधौली व खेरेश्वर मंदिर के निकट का बस स्टैंड शामिल है। करीब 20 हेक्टेयर से अधिक जमीन दी गई। निर्माण की जिम्मेदारी एडीए व नगर निगम को दी गई।
दिन रात हुआ काम
एडीए व नगर निगम ने इन पर दिन रात काम कराया। तीनों बस स्टैंडों पर टिन शेड के साथ ही इंटरलॉकिंग, शौचालय, पानी एवं हैंडपंप की व्यवस्था कराई। करीब दो करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई। जनवरी के पहले सप्ताह में लोकार्पण भी कर दिया। सांसद से लेकर मंडलायुक्त तक इसमें शामिल हुए।
पसरा रहता है सन्नाटा
अब यह बस स्टैंड दिखावा बनकर रह गए हैं। कोई प्राइवेट बस संचालक नहीं पहुंच रहा है। बसों के संचालक सड़क पर खड़ा करके सवारियां भरते हैं। इससे सड़कों पर भी जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।
नगर निगम को दी जाएगी जिम्मेदारी
अब प्रशासन इनके बस स्टैंडों के संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम को देने की तैयारी में है। नगर निगम यहां कैंटीन समेत अन्य सुविधाओं के लिए टेंडर भी डालेगा। इसके साथ ही बस संचालकों को रुटीन के हिसाब से किराया भी लिया जाएगा।
सख्त होगी कार्रवाई
एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह का कहना है कि यह सही है कि कुछ बसें अभी बस स्टैंड पर खड़ी नहीं हो रहीं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शतप्रतिशत सवारियां बस स्टैंडों से ही भरी जाएंगी। जल्द ही सिस्टम बनाकर नगर निगम को जिम्मेदारी दी जाएगी।