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अलीगढ़ में कैमरों की 'नजर' से नहीं बचे अपराधी, चप्‍पे-चप्‍पे पर निगरानी

आधुनिकता के दौर में अपराधी खुद को बचाने के लिए तमाम शातिराना तरीके अपना रहे हैं। इसके चलते कई केस ऐसे होते हैं जो बिल्कुल ब्लाइंड होते हैं और कोई सुराग तक नहीं मिल होता। ऐसे केसों में अपराधी पुलिस की निगाह भले ही चूक जाएं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 02:35 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 02:35 PM (IST)
अलीगढ़ में कैमरों की 'नजर' से नहीं बचे अपराधी, चप्‍पे-चप्‍पे पर निगरानी
इंटीग्रेडेट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कैमरों की मदद से पर्दाफाश हुआ है।

अलीगढ़, सुमित शर्मा। आधुनिकता के दौर में अपराधी खुद को बचाने के लिए तमाम शातिराना तरीके अपना रहे हैं। इसके चलते कई केस ऐसे होते हैं, जो बिल्कुल ब्लाइंड होते हैं और कोई सुराग तक नहीं मिल होता। ऐसे केसों में अपराधी पुलिस की निगाह भले ही चूक जाएं, मगर शहर के चौक-चौराहों पर लगे कैमरों की नजर से नहीं बच पाते। जिले की बड़ी घटनाओं में इन्हीं कैमरों की मदद से पुलिस को सफलता मिली। कहीं वाहन के नंबरों से पुलिस ने फर्जीवाड़ा पकड़ा तो कहीं हुलिये से आरोपित हत्थे चढ़ गए। वहीं लूट, छिनैती की कई घटनाअों में कैमरों ने ही पुलिस की मदद की। इस साल अब तक 76 केसों में इंटीग्रेडेट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कैमरों की मदद से पर्दाफाश हुआ है।

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केस-1ः अकराबाद के गांव निवासी महिला के साथ 14 अप्रैल की रात को आटो चालक समेत तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसमें कंपनीबाग बस अड्डे से लेकर धनीपुर मंडी, क्वार्सी, सारसौल तक के कैमरे खंगाले गए। सबसे पहले कंपनीबाग में कैमरे में आटो कैद हुआ। लेकिन, नंबर गलत निकला। इसके बाद कैमरों ने पूरा रूट ट्रेस किया। फिर टीम ने आरोपितों का हुलिया व शक्ल तक निकालकर दी, जिससे 24 घंटे में ही घटना से पर्दा उठ गया।

केस-2ः तीन मई को गांधीपार्क के छर्रा अड्डा व क्वार्सी क्षेत्र के स्वर्ण जयंती नगर और क्यामपुर मोड़ पर एक ही रात लूट की तीन घटनाअों में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था। यहां भी कैमरों से आरोपितों को ट्रेस किया गया, तो पता चला कि वह हाथरस अड्डा की तरफ से आए थे। इसके बाद पुलिस ने एक आरोपित को दबोच लिया।

केस-3ः ग्रेट नोएडा के लल्लन की बाइक वर्ष 2018 में चोरी हुई थी। लेकिन, 19 जून 2021 से 20 फरवरी 2022 तक बाइक के अलीगढ़ में छह चालान हो गए। पुलिस ने वाहन के नंबर (यूपी 16 बीवाइ 0901) को अलर्ट सिस्टम पर लगाया, जिसके बाद एक मार्च को आरोपित को चोरी की बाइक के साथ पकड़ लिया गया।

केस-4ः छर्रा में आढ़ती मनोज कुमार के साथ कार सवारों बदमाशों ने 29 अप्रैल को लूट की थी। इसमें कोई सुराग नहीं था। कैमरों से ही नीली रंग की बलेनो कार (डीएल 7 सीआर 6109) का नंबर ट्रेस हुआ, जिसके बाद पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।

और बढ़ेगा कैमरों का दायरा

शहर में कुछ दिनों पहले जल निगम के कार्य के चलते कैमरों की नजर कमजोर पड़ गई थी। हालांकि इस संबंध में एसपी ट्रैफिक ने पत्राचार किया, जिसके बाद कैमरों को सही करा दिया गया। 70 फीसद कैमरे सही हो चुके हैं। शेष में काम चल रहा है। इसके अलावा कुछ और कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव है।

इन गिरोहों को कैमरों ने पकड़ा

किस तरह के, कितने मामले पकड़े

मोबाइल व चेन लूटने वाले, पांच

सवारियों से लूटपाट करने वाले, चार

वाहन चोर गिरोह, एक

चोरी, 2

वाहन चोरी, 6

जेब कतरे, 2

फाल्टी नंबर प्लेट, 10

यूनिक नंबर से सामान दिलाया, 15

लूट, चोरी, अपहरण की घटनाअों में सुराग तलाशा, 16

हुलिया तलाशकर पुलिस को दिया, 3

दुष्कर्म के मामले, एक

एटीएम फ्राड, 2

अन्य सराहनीय कार्य, 10

कुल, 76

जिले में कई बड़ी घटनाओं में कैमरों की मदद से सफलता मिली है। टीम अच्छा काम कर रही है। इसके अलावा अपराध नियंत्रण में भी कैमरे सहायक साबित हो रहे हैं। शहर के इंट्री प्वाइंट्स पर कुछ और कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है।

मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी ट्रैफिक


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