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Coronavirus Alert in Aligarh : हर तरफ था सन्नाटा, घरों में कैद था जनजीवन

इस बार मार्च का महीना खुशगवार है। गुनगुनी धूप और सुबह-शाम गुलाबी ठंड पड़ रही है। होली के उत्सव की खुमारी भी लोगों पर खूब चढ़ी हुई है लेकिन पिछले साल मार्च ऐसा नहीं था। चीन से फैले कोविड-19 वायरस ने देश में दस्तक दे दी थी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 09:42 AM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 09:42 AM (IST)
Coronavirus Alert in Aligarh : हर तरफ था सन्नाटा, घरों में कैद था जनजीवन
इस बार मार्च का महीना खुशगवार है। गुनगुनी धूप और सुबह-शाम गुलाबी ठंड पड़ रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। ​इस बार मार्च का महीना खुशगवार है। गुनगुनी धूप और सुबह-शाम गुलाबी ठंड पड़ रही है। होली के उत्सव की खुमारी भी लोगों पर खूब चढ़ी हुई है, लेकिन पिछले साल मार्च ऐसा नहीं था। चीन से फैले कोविड-19 वायरस ने देश में दस्तक दे दी थी। लोगों में भय व्याप्त था। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लाकडाउन का कड़ा निर्णय लिया तो जीवन घरों में कैद होकर रह गया। मुश्किलों का सूरज और भी कष्टकारी था, हर सड़क सूनी और गलियों में सन्नाटा था। अब एक साल बीत गया है, कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया है।  बाजार गुलजार हो चुके हैं उद्योग धंधे भी चलकर पटरी पर लौट आए हैं, मगर नया स्ट्रेन चिंता भी बढ़ा रहा है, जिससे सभी को सावधान रहना है। 

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कोरोना की दहशत 

चीन के वुहान से पूरी दुनिया में फैला कोविड-19 वायरस दहशत का पर्याय बन गया है। इस वायरस से तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पर खासा असर डाला है। देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को सामने आया। इसके बाद लगातार केस सामने आने लगे। इससे  देशभर में दहशत फैल गई। सरकार ने पहला जनता कर्फ्यू लगाया। इसके बाद 25 मार्च से लाकडाउन शुरू हो गया। इसमें लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं थी। केवल रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए लाकडाउन में ढील दी गई। अलीगढ़ में इस लाकडाउन ने लोगों को खूब प्रभावित किया। यह मार्च का अंतिम सप्ताह ही था, जब शहर के प्रमुख मार्गों पर पसरे सन्नाटे को सरकारी या अन्य वाहन ही चीरते हुए नजर आते थे। 

हर किसी को रोजी-रोटी की चिंता 

पिछले साल ठंडी पछुवा और गुनगुनी धूप भी लोगों को मायूस कर रही थी। कामधंधे ठप हो चुके थे। हर किसी को रोजी-रोटी की चिंता थी। भले ही सरकार ने लाकडाउन की मियाद 21 दिन बताई थी, मगर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर सबको आने वाले कष्टकारी दिनों का अंदेशा हो चुका था। गरीब तबके के तमाम परिवार व खानबदोश सरकारी और स्वयं सेवियों के भेजे पैकेट की राह तकते रहते थे। दिन गुजर रहे थे, मगर जिंदगी जहां की तहां ठहर गई। 

आयोजनों पर रोक 

इस समय लोग होली की मस्ती में खोए हुए हैं, मगर पिछले साल लोग घरों में कैद थे। हालांकि, होली का त्योहार लाकडाउन से पखवाड़े भर पहले ही मनाया जा चुका है। हालांकि, इसमें तमाम पाबंदियां रहीं थीं। पाबंदियां इस बार भी हैं, मगर पहले जैसे नहीं। 

छाया होली का उल्लास 

इस समय होली का उल्लास चहुंओर दिख रहा है। रंगभरनी एकादशी से ही शहर में अबीर-गुलाल उड़ रहे हैं। होली खेलते हुरियारों को जैसे कोरोना का कोई भय न हो। हालांकि, सरकारी मशीनरी अपनी तरफ से एहतियात बरतने की पूरी कोशिश कर रही है, मगर अभी जनता का मूड नहीं। ऐसे में सरकार खुद लोगों को बार-बार सचेत करते हुए दिशा-निर्देश जारी कर रही है। हालांकि, नाइट कर्फ्यू की आशंका से लोग जरूर चिंतित नजर आने लगे हैं। 


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