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Mass marriage scheme:कोरोना ने रोके गरीब बेटियों के फेरे Aligarh News

कोरोना वायरस के चलते प्रदेश सरकार की ओर से मार्च से अब तक शादी अनुदान व मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक भी रुपये का बजट जारी नहीं हो सका है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 01:05 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 03:07 PM (IST)
Mass marriage scheme:कोरोना ने रोके गरीब बेटियों के फेरे  Aligarh News
Mass marriage scheme:कोरोना ने रोके गरीब बेटियों के फेरे Aligarh News

अलीगढ़ जेएनएन: गरीब बेटियों के फेरों में भी इस साल बजट की तंगी आड़े आ गई। कोरोना वायरस के चलते प्रदेश सरकार की ओर से मार्च से अब तक शादी अनुदान व मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक भी रुपये का बजट जारी नहीं हो सका है। ऐसे में प्रशासन भी एक भी विवाह समारोह नहीं करा पा रहा है। गरीब परिवार समाज कल्याण से लेकर कलक्ट्रेट तक के चक्कर लगा-लगा के परेशान हैं।

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यह है मौजूदा हाल

जिले में भी सैकड़ों आवेदन लंबित पड़े हैं।प्रदेश की योगी सरकार की ओर से गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए दो योजना संचालित हैं। इसमें एक योजना सामूहिक विवाह योजना की है। इसके तहत लाभार्थी जोड़े के खाते में एक मुश्त 35 हजार की धनराशि पहुंचती है। वहीं, 10 हजार का सामान व छह हजार शादी में खर्च होते हैं। वहीं, दूसरी योजना शादी अनुदान की है। इसमें गरीब परिवारों को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इन दोनों योजनाओं से ऐसे गरीब परिवारों को बेहद मदद मिलती है जो आर्थिक तंगी के चलते बेटियों के हाथ पीले नहीं कर पा रहे। दोनों योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग व पिछड़ा वर्ग विभाग की है। हालांकि, इस साल गरीब बेटियों की शादी में बजट के न आने से अड़ंगा लग गया है। कोरोना के चलते सरकार की ओर से मार्च से अगस्त तक एक भी रुपये का बजट जारी नहीं हुआ है।

चक्कर लगा-लगा के परेशान

अब लोगों को जून तक उम्मीद थी कि बजट अा जाएगा, लेकिन अब तक बजट नहीं आया है। ऐसे में लाभार्थी सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा-लगा के परेशान हैं, लेकिन उन्हें योजना में सहायता नहीं मिल रहे हैं। कई बेटियों की शादी भी इसी चक्कर में रुकी हुई है। कई परिवार तो बजट न आने के अभाव में मई-जून में शादी की तारीखों को बदल हो चुके हैं।मार्च से अब तक गरीब बेटियों की शादी के लिए एक भी रुपये का बजट नहीं आया है। इसके चलते विवाह समारोह भी नहीं हो सके हैं। अब पिछले दिनों सरकार ने लंबित आवेदनों को ब्यौरा जरूर मांगा है।

मनीष कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी


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