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Tantra Ke Gan : जेएन मेडिकल के प्रो.शमीम अहमद ने संक्रमित होते हुए भी कोरोना मरीजों का किया इलाज, विस्‍तार से जानिए प्रोफेसर के बारे में Aligarh News

Tantra Ke Ganडाक्टर का सबसे बड़ा धर्म होता है अपने मरीज को ठीक करना। उसे जीवनदान देना। इससे बड़ा कोई धर्म हो भी नहीं सकता। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रो. शमीम अहमद ने करोनो काल में ये धर्म बखूबी निभाया।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:17 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:17 AM (IST)
Tantra Ke Gan : जेएन मेडिकल के प्रो.शमीम अहमद ने संक्रमित होते हुए भी कोरोना मरीजों का किया इलाज, विस्‍तार से जानिए प्रोफेसर के बारे में  Aligarh News
प्रो. शमीम अहमद कई अहम जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।

अलीगढ़, संतोष शर्मा। एक अच्छे डाक्टर का सबसे बड़ा धर्म होता है अपने मरीज को ठीक करना। उसे जीवनदान देना।  इससे बड़ा कोई धर्म हो भी नहीं सकता। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रो. शमीम अहमद ने करोनो काल में ये धर्म बखूबी निभाया। खुद कोरोना संक्रमित होते हुए भी उन्होंने कोरोना मरीजों का इलाज करना नहीं छोड़ा। घर से ही आनलाइन माध्यमों से मेडिकल में भर्ती मरीजों का हाल जाना और इलाज करवाया। उनके इस कार्य की केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी तारीफ की। आज भी प्रो. शमीम कई अहम जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। 

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प्रो. शमीम ने भी घर पर रहकर इलाज कराया

ये वो समय था जब कोरोना का भय लोगों में घर कर गया था। लाकडाउन के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहे थे। तब कोरोना के गंभीर मरीजों के  इलाज की जिम्मेदारी जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कंधों पर थी। टीवी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रो. शमीम अहमद और अन्य चिकित्सक वार्ड में भर्ती मरीजों की सेहत पर नजर रखे हुए थे। उसी दौरान मेडिकल के कई सीनियर व जूनियर डॉक्टर व अन्य स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए। इससे अस्पताल में स्टाफ की कमी भी होने लगी। उसी 30 मई को प्रो. शमीम भी संक्रमित पाए गए। उस समय होम आइसोलेशन की व्यवस्था थी। प्रो. शमीम ने भी घर पर रहकर इलाज कराया। 

बीमारी में संभाली दोहरी जिम्मेदारी 

होम आइसोलेशन के दौरान प्रो. शमीम अहमद ने दोहरी जिम्मेदारी निभाई। खुद ही खुद का इलाज किया। दूसरा, जेएन मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज की कमान भी संभाली। उन्होंने वाट्सएप व अन्य आनलाइन माध्यम से मरीजों का इलाज वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के जरिए कराया। क्या दवा देनी है क्या नहीं ये सब बताया? ओपीडी बंद होने के चलते सांस रोगियों के फोन भी उन पर आए। उन्हें भी उपचार के लिए सलाह दी। प्रो. शमीम बताते हैं कि घर में 12 दिन एक ही कमरे में रहना पड़ा। स्वजन का भरपूर साथ मिला। ऐसा कर खुशी भी बहुत हुई। एक डाक्टर के लिए मरीज ही सबकुछ होता है। 

केंद्रीय मंत्री से  लेकर हर किसी ने की तारीफ 

प्रो. शमीम अहमद के कार्य की सराहना केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट के जरिए तारीफ की। कहा, प्रो. शमीम टेलीमेडिसिन के जरिए कोरोना मरीजों का इलाज में लगे हुए थे। संक्रमित होने के बाद भी वह घर से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मैं उन्हें सैल्यूट कर रहता हूं। एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने भी उनके कार्य को सराहा।  

वैक्सीन ट्रायल से लेकर कई और जिम्मेदारी 

मेडिकल कॉलेज में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा हो चुका है। 1000 से अधिक मरीजों को वैक्सीन की दो डोज दी जा चुकी हैं। इसकी कमान भी प्रो. शमीम के हाथ में रही। नेशनल कोविड-19 रजिस्ट्री की जिम्मेदारी भी वह संभाले हुए हैं।


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