Corona Fighter: त्याग-समर्पण की साक्षात मूरत हैं नर्स Aligarh News
यह पेशा मरीजों की सेवा के लिए चुना। इसमें कोई हिचक भी नहीं मगर कोरोना वायरस के मरीजों की देखभाल ङ्क्षजदगी का सबसे अनूठा और डरावना अनुभव है।
अलीगढ़[जेएनएन]: यह पेशा मरीजों की सेवा के लिए चुना। इसमें कोई हिचक भी नहीं, मगर कोरोना वायरस के मरीजों की देखभाल ङ्क्षजदगी का सबसे अनूठा और डरावना अनुभव है। सुरक्षा के इंतजाम अदृश्य वायरस के सामने नाकाफी लगते हैं, फिर यही सोचकर ड्यूटी में जुट जाते हैं कि यदि इन मरीजों की देखभाल हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा? यह कहना है कि हरदुआगंज कोरोना अस्पताल के कोविड वार्ड में नियुक्त स्टाफ नर्स प्रेम रोज चरन का।
कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहीं नर्स
विश्व नर्स दिवस की पूर्व संध्या में दैनिक जागरण ने योद्धा बनकर कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्सों से बातचीत की तो सभी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आईं। हां, सभी को अपने परिवार से दूर रहने का मलाल जरूर था। प्रेम रोज चरन ने बताया कि 25-26 साल से नौकरी कर रही हूं। दो मई से लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी के बाद क्वारंटाइन में रहना होता है। पति और एक 15 साल की बेटी है, जिनसे पता नहीं कब मिल पाऊंगी? फोन पर ही बात हो पाती है। बेटी की बहुत याद आती है।
वायरस का है खतरा
हरदुआगंज सीएचसी की नर्स रवीना की ड्यूटी भी कोविड वार्ड में लगी है। दोपहर दो से रात आठ बजे तक संक्रमित मरीजों को दवा व खाना पहुंचाना। उनका ब्लड प्रेशर व पल्स चेक करना होता है। कहती हैं कि ये सब काम पीपीई किट पहनकर किया जाता है, मगर वायरस का खतरा तो रहता ही है। रवीना ने बताया कि मैं एटा की रहने वाली हूं। माता-पिता के अलावा दो भाई और दो बहनें हैं। सबसे बड़ी में ही हूं। पहले हर सप्ताह एटा चली जाती थीं, मगर अब तीन माह से लगातार ड्यूटी कर रही हूं। कोरोना के चलते छुट्टियां कैंसिल हो चुकी हैं। भावुक होते हुए बोलीं-पहली बार जब इतने लंबे समय तक घर नहीं जा पाई। मम्मी-पापा और भाई-बहनों की बहुत याद आती है, मगर अब फोन पर ही बात हो पाती है।
28 दिन घर से बाहर
जिला अस्पताल की सीनियर नर्स राधा बताती हैं कि मरीज के इलाज में नर्स की भूमिका डॉक्टर से कम नहीं होती। कोरोना काल में तमाम नर्स अपने बच्चों व अन्य घरवालों से दूर रहकर नौकरी कर रही हैं। गाइडलाइन के अनुसार पहले 14 दिन वे अस्पताल में ड्यूटी करती हैं। ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाने की अनुमति नहीं होती। 14 दिन के बाद 14 दिन और पूर्ण क्वारंटाइन में रहना पड़ेगा।