AMU के वाइस प्रिंसिपल को फंसाने के लिए संविदा कर्मचारी ने खुद को मारी थी गोली
अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी (एएमयू) के अहमदी स्कूल फॉर द विज्युअली चैलेंज्ड में संविदा पर क्लर्क रहे मुहिबउल्ला फारुखी ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल को फंसाने के लिए खुद को गोली मारी थ
अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी (एएमयू) के अहमदी स्कूल फॉर द विज्युअली चैलेंज्ड में संविदा पर क्लर्क रहे मुहिबउल्ला फारुखी ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल को फंसाने के लिए खुद को गोली मारी थी। इसमें तीन लोगों ने उसका साथ दिया। क्वार्सी पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए फारुकी व उसके साथियों को गिरफ्तार किया है। उनसे गोली मारने वाला तमंचा भी बरामद हुआ। जानलेवा हमले में नामजद वाइस प्रिंसिपल को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी।
ऐसे हुआ खुलासा
एसपी सिटी अभिषेक कुमार के मुताबिक क्वार्सी क्षेत्र के धौर्रामाफी निवासी फारुखी ने सात मई की रात जमालपुर पुल के पास हमला होने का आरोप लगाया था। गोली उसके बायीं कोहनी के ऊपर लगी। उसकी तहरीर पर वाइस प्रिंसिपल आदिल जलील व एक अन्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज हुई थी। प्राथमिक जांच में घटना संदिग्ध लगी। सीओ अनिल समानिया के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच कराई गई, जिसमें पूरा मामला फर्जी मिला। घटनास्थल पर खून के धब्बे नहीं थे। मेडिकल रिपोर्ट में भी चोट संदिग्ध आई। तत्काल एक टीम आरोपित के घर भेजी गई तो वे घर में सोते मिले। मोबाइल लोकेशन भी घटना के वक्त घर की थी। घटनास्थल के नजदीक पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में हमलावर कैद हो गए। इनकी सुरागरसी की तो नाम सामने आ गए। इनमें अंशू वाल्मीकि निवासी नगला मल्लाह, नसीम निवासी जाकिर नगर गली-7, मुन्ना निवासी गली-14 जीवनगढ़ थे। इन्हें मुखबिर की सूचना पर मंगलवार दोपहर महेशपुर मोड़ पर दबोच लिया। इनसे बाइक, एक-एक लाख के दो चेक बरामद हुए। इन लोगों ने बताया कि फारुखी ने खुद गोली मारी थी, इसमें उन्होंने साथ दिया था। फारुखी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। ïउसकी निशानदेही पर गोली मारने में 315 बोर का तमंचा महेशपुर मोड़ पर बने अपार्टमेंट के पास झाड़ी में बरामद हुआ। एसपी सिटी ने बताया कि विवेचना में देखा जाएगा कि नौकरी का झांसा देकर फारुखी ने किसी के नाम पर खुद रुपये लिए थे या फिर कोई और भी शामिल है।
रुपये लौटाने का बेचा मकान
फारुखी का कहना है कि वाइस प्रिंसिपल ने यूनिवर्सिटी में नौकरी लगवाने के नाम पर मेरे जरिये लोगों से करीब 43 लाख रुपये मंगवाए थे, मगर किसी की नौकरी नहीं लगी। अधिकारी थे, इसलिए लिखित में कुछ नहीं लिया। लोग मुझसे तगादा करने लगे। वाइस प्रिंसिपल से रुपये लौटाने को कहा तो वे सुबूत मांगने लगे। दबाव बढऩे पर मकान व प्लॉट बेचकर मैंने 24.50 लाख लोगों को वापस किए। शिकायत करने पर वाइस प्रिंसिपल ने उसे गैरहाजिर दिखाकर जनवरी में नौकरी से निकलवा दिया, तब उन्हें फंसाने की योजना बनाई थी।
2.80 लाख रुपये लिए उधार
सीओ ने बताया कि फारुखी ने नौकरी लगवाने के लिए मुन्ना से दो लाख व नसीम से 80 हजार रुपये लिए थे। नौकरी न लगने पर उन्हें एक-एक लाख के चेक दे दिए, जो बाउंस हो गए। रुपये दिलाने का झांसा देकर उसने दोनों को अपनी साजिश में शामिल कर लिया। अंशू चोरी व लूट में जेल जा चुका है।
खुद को ऐसे मारी थी गोली
फारुखी ने बाजू पर कपड़ा बांधकर दूसरे हाथ से गोली मारी थी। नसीम व मुन्ना कपड़ा पकड़े हुए थे। फिर ये दोनों अंशू के साथ बाइक से भाग निकले। ये दिखाने के लिए बाइक सवार गोली मारकर भागे हैं।
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