लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा से कांग्रेस का गठजोड़ चाहती है एएमयू बिरादरी
लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के गठबंधन को एएमयू बिरादरी भाजपा के मुकाबले पर्याप्त नहीं मान रही।
अलीगढ़ (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के गठबंधन को एएमयू बिरादरी भाजपा के मुकाबले पर्याप्त नहीं मान रही। बुद्धजीवियों का मानना है कि गठबंधन को कांग्रेस का साथ मिल जाए तो भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल होगी। आम चुनाव में यूपी का अहम रोल रहता है। इसके लिए कांग्रेस को मंथन करना होगा। यूपी से ही दिल्ली की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता निकलता है।
...तो होगा बड़ा नुकसान
राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. आफताब आलम का मानना है कि सपा-बसपा के गठबंधन से कांग्रेस बाहर रहती है तो बड़ा नुकसान होगा। कांग्रेस का अपना वाट बैंक है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस का 12 प्रतिशत और सपा-बसपा का 22 प्रतिशत वोट था। भाजपा का 44 प्रतिशत था। सपा-बसपा व कांग्रेस मिलकर चलें प्रतिशत 50 को पार कर जाएगा। कांग्रेस 80 सीटों पर चुनाव लडऩे जा रही है, इससे सपा-बसपा का खेल बिगड़ सकता है।
एकजुट होकर लड़े चुनाव
एएमयू से सेवानिवृत्त प्रो. समीम अहमद का कहना है कि गठबंधन कांग्रेस के साथ मिलकर होता तो और मजबूत होता। मुस्लिम वोटरों का मानना है कि गठबंधन ही कुछ कर पाएगा। तीनों एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं तो 70 से ज्यादा सीट आ सकती हैं। राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. मुहिबुल हक का कहना है कि गठबंधन 40 से अधिक सीट जीत सकता है। कांग्रेस के साथ न आने से गठबंधन को दस से बीच सीटों का नुकसान व भाजपा को इतनी ही सीटों का लाभ हो सकता है। छात्र नेता मोहम्मद नदीम का कहना है कि सपा-बसपा के गठबंधन से यह आशा की जाती है कि मुसलमानों के हिसाब से सीट दी जाएं। गठबंधन की सोच है कि मुसलमान घूम-फिरकर उनके पास आएगा तो यह गलतफहमी है।
गठबंधन कहीं भाजपा को न जिता बैठे
वरिष्ठ नेता शमीम अहमद सिद्दीकी के कार्यालय अनूपशहर रोड पर मुजाहिद शेरवानी की ओर से बैठक की गई, जिसमें उलमा जन कल्याण समिति के लोग व बुद्धजीवी शामिल हुए। मुजाहिद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा व बसपा का गठबंधन अधूरा है, क्योंकि इन पार्टियों ने कांग्रेस व राष्ट्रीय लोकदल व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को अलग करके गलती की है। भाजपा को हराने के चक्कर में गठबंधन कहीं उसे ही न जिता बैठे। बैठक में इमरान खान, मोहम्मद शोएब, मोहम्मद खुर्शीद, अरशद अहमद, आतिफ खान, मोहम्मद शाकिर, साजिद खान, दानिश खान, नदीम अहमद सिद्दीकी, जुनैद अहमद सिद्दीकी मौजूद रहे।