कांग्रेस नेता को गोलियों से भूना, जानिए क्यों हुई दुश्मनी Aligarh News
बाइक सवार छह नकाबपोश हमलावरों ने कांग्रेस नेता मोहम्मद फारूख की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की बात सामने आ रही है। फारूख फाइनेंसर भी थे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सिविल लाइन क्षेत्र के शमशाद मार्केट में चिनार गेस्ट हाउस के बाहर मंगलवार देर शाम बाइक सवार छह नकाबपोश हमलावरों ने कांग्रेस नेता मोहम्मद फारूख की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की बात सामने आ रही है। फारूख फाइनेंसर भी थे।
नकाबपोशों ने किया हमला
मूलरूप से मुरादाबाद निवासी फारूख कई सालों से शमशाद मार्केट में रहते थे। घर के बाहर ही उनका ऑफिस है। वे फाइनेंस का काम करते थे। शाम करीब साढ़े सात बजे वे ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे। तभी तीन बाइकों पर आए छह नकाबपोश हमलावर वहां आ गए और आते ही कांग्रेस नेता को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग कर दी और भाग गए। हमलावरों के जाते ही स्थानीय लोग पुलिस की मदद से फारूख को जेएन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वारदात की खबर पर सिविल लाइन इंस्पेक्टर अमित कुमार, सीओ अनिल समानियां, एसपी सिटी अभिषेक कुमार पहुंच गए और घटना की जानकारी ली। पुलिस जांच में ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे दो दिन से बंद मिले।
पांच साल पहले भी हमला
करीब एक साल पहले भी फाइनेंसर फारूख पर जानलेवा हमला हुआ था। उनके पेट में गोली लगी थी। पुलिस पुराने घटनाक्रम से भी इस हत्याकांड को जोड़कर चल रही है।
2012 में बने निर्दलीय पार्षद
मोहम्मद फारूख राजनीति में भी काफी मुखर रहे। 2012 से पहले कांग्र्रेस में थे। नगर निगम चुनाव में पार्षद का चुनाव लडऩा चाहते थे। स्थानीय लोगों से समर्थन भी मिल रहा था, मगर टिकट नहीं मिल पाया। ऐसे में बागी हो गए और निर्दलीय ही चुनाव लड़े और जीते भी। इसके बाद कई दल बदले और अंत में सपा से जुड़ गए। कांग्र्रेस केपूर्व विधायक विवेक बंसल से उनकी नजदीकियां बरकरार रहीं। यही वजह रही कि 2017 के विधानसभा चुनाव में विवेक बंसल पुन: चुनाव लड़े तो फारूख कांग्र्रेस में आ गए। बंसल ने फारूख को कांग्रेस का कर्मठ कार्यकर्ता बताकर आरोपितों को गिरफ्तार करने की पुलिस प्रशासन से मांग की।