अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट में सख्त फैसला ले सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बाद पेश होने वाले इस बजट में करदाता पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। पिछले तीन साल से सरकार ने टैक्स नहीं बढ़ाया था। आमजन को बजट से राहत की उम्मीद है। आयकर में छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की जा रही है। छोटी बचत पर बड़ा लाभ मिले। इसकी उम्मीद महिलाएं लगाए हैं। नौकरीपेशा व व्यवसायी महिलाओं का मानना है कि महंगाई के हिसाब से छोटी बचत की स्लैब में छूट का दायरा बढ़ना चाहिए।
तीन साल से नहीं बढ़ा टैक्स का बोझ
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद के लिए खजाना खोल देती है, इसकी भरपाई के लिए करदाताओं पर टैक्स का बोझ बढ़ा देती है। तीन साल से टैक्स का बोझ तो नहीं बढ़ाया गया है, मगर जिसमें भी राहत दी है, उसे एक हाथ देना, दूसरे से लेना साबित हुआ है। सरकार ने सामान्य घरेलू उपयोगी सामान पर टैक्स नहीं बढ़ाया तो लग्जरी लाइफ में उपयोगी इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रानिक्स सामान पर टैक्स बढ़ा दिया।
टैक्स की स्लैब में छूट का दायरा बढ़ाए सरकार
खुदरा महंगाई बढ़ रही है। लोगों की कमाई घट रही है। इसलिए सरकार टैक्स की स्लैब में छूट का दायरा बढाए। छोटी बचत यानी फिक्स डिपोजिट, बैंक की ब्याज दर, बांड सहित अन्य आय से होने वाली डेढ़ लाख रुपये तक की कमाई पर छूट है। इसे बढ़ाकर ढाई से तीन लाख करने की मांग है। शेयर के लांग टर्म में कैपिटल गैन पर इस समय 10 प्रतिशत टैक्स है व प्रापर्टी 20 प्रतिशत है। इसमें भी छूट का दायरा बढाने की मांग है।
करदाता इस तरह की चाहते हैं आयकर स्लैब
- 3.5 से पांच लाख रुपये तक की आय को किया जाए टैक्स मुक्त।
- पांच लाख से 20 लाख रुपये तक की कमाई पर लगे 10 प्रतिशत टैक्स।
- 20 से 30 लाख रुपये तक पर 20 प्रतिशत तक टैक्स लागू हो।
- 30 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर 30 प्रतिशत तक टैक्स हो।
इनका कहना है
केंद्रीय बजट में इस बार कड़वाहट होगी। तीन साल से टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। सरकार को चाहिए कि टैक्स का बोझ न बढ़ाए। खुदरा महंगाई से आमजन पहले ही परेशान है।
- आदित्य माहेश्वरी, सीए
सरकार को छोटी बचत से होने वाली आय का दायरा बढ़ाना चाहिए। ब्याज दरों से होने वाली कमाई पर डेढ़ लाख तक की छूट है। इसे ढाई से तीन लाख किया जाए।
- मांसी राठी, कास्ट मैनेजमेंट अकाउटेंट
इस बजट में बिजनेस मैन के लिए राहत होनी चाहिए। कारपोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत तक छूट का प्रविधान हैं। इसे दो साल पहले किया गया था। इसी तरह की और राहत दी जाए।
- ममता अग्रवाल, उद्यमी
महंगाई के हिसाब से छूट का दायरा बढ़ाया जाए। 50 लाख रुपये की प्रापर्टी बेचने वालों पर एक प्रतिशत टीडीएस कटौती की जाती है। इस छूट को बढ़ाकर एक करोड़ किया जाए।
- तूलिका अग्रवाल, कारोबारी