एएमयू के शिक्षकों की मौत पर सीएम व केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने जताया दुख, कुलपति से जाना हाल aligarh news
कुलपति ने आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत बताते हुए लगातार आपूर्ति की मांग की। सीएम ने एएमयू को हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय मंत्री ने भी मदद की बात कही है। बातचीत की जानकारी कुलपति ने ट्वीट के जरिये साझा भी की है।
जासं, अलीगढ़ : कोरोना काल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पैदा हुए हालत से प्रदेश व केंद्र सरकार भी चिंतित है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर से फोन पर पूरे हालात की जानकारी ली। कुलपति ने आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत बताते हुए लगातार आपूर्ति की मांग की। सीएम ने एएमयू को हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय मंत्री ने भी मदद की बात कही है। इनसे हुई बातचीत की जानकारी कुलपति ने ट्वीट के जरिये साझा भी की है।
दूसरी लहर घातक
कोरोना काल की दूसरी लहर एएमयू के लिए बहुत घातक सिद्ध हुई है। पिछले 20 से 25 दिनों में यूनिवर्सिटी के 19 शिक्षकों की मौत हुई है। कई पूर्व प्रोफेसर व गैर शिक्षकों की भी जान गई है। इन सबकी संख्या 45 से अधिक बताई जा रही है। इससे एएमयू में मातम छाया हुआ है।
छात्रों में भय
शिक्षक व छात्रों में भय है। शिक्षक घर में रहकर दूसरों से भी घर में ही रहने की अपील कर रहे हैं। कुलपति ने ट््वीट किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैंपस के हालात की जानकारी ली, जिन्हें अब तक की स्थिति से अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री ने एएमयू को पूरा सहयोग करने का वादा किया है। उन्होंने एएमयू स्टाफ के निधन पर शोक भी जताया। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जेएन मेडिकल कालेज को आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की लगातार आपूर्ति करने का भरोसा दिया है।
केंद्रीय मंत्री से जताई नए वायरस के पैदा होने की आशंका
केंद्रीय मंत्री से हुई बातचीत में बताया गया कि कैंपस में कोरोना वैक्सीन लगवाने का अभियान चल रहा है। मेडिकल कालेज में आक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने पर काम चल रहा है। कैंपस के आसपास कहीं कोरोना का नया वायरस तो पैदा नहीं हो गया है, इसकी जांच के लिए कोविड के सैैंपल आइसीएमआर भेजे गए हैं। आइसीएमआर के वे लगातार संपर्क में हैं। केंद्रीय मंत्री के सामने भी कुलपति ने आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत को रखा।
एएमयू ने की छात्रों के घर जाने की अपील
एएमयू में 13 फैकल्टी व 114 डिपार्टमेंट हैं, जिनमें करीब 1100 शिक्षक हैं। छात्रों की संख्या करीब 30 हजार है। कोरोना के चलते यूनिवर्सिटी में कक्षाएं स्थगित हैं। इसलिए अधिकांश छात्र अपने घर हैं। कैंपस के विभिन्न हाल में इस समय करीब पांच सौ छात्र-छात्राएं ही हैं। इनमें अधिकांश स्कालर हैं। छात्रों से अपील की गई कि वे अपने घर चले जाएं।
मेडिकल कालेज की सुविधा पर उठ रहे सवाल
इतनी संख्या में एएमयू के शिक्षकों की मौत ने सबको हिलाकर रख दिया है। सवाल उठने लगे हैं कि जेएन मेडिकल कालेज को उच्च श्रेणी का होने का दावा किया जाता रहा है, लेकिन अपने शिक्षकों को बचान में कैसे चूक कर गया। यहां आए दिन आक्सीजन की कमी होती रहती है। रेमडेसिविर इंजेक्शन भी मरीजों की मांग के अनुसार उपलब्ध नहीं हैं। एक प्रोफेसर ने यहां तक कह दिया कि मेडिकल कालेज से तो दीनदयाल संयुक्त अस्पताल व जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक हैं। जबकि, मेडिकल कालेज के ङ्क्षप्रसिपल प्रो. शाहिद सिद्दीकी लगातार कहते आएं कि मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। कभी-कभी मरीज ऐसी स्थिति में आते हैं कि उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।
मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों व स्टाफ की भी ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने एएमयू के जेेएन मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों तथा वहां कार्यरत चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिसर में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। इन्हें कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी उपाय किए जाना जरूरी है। इस कार्य में प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा।