भाजपा कार्यालय से लौटे पूर्व मंत्री रामवीर के बेटे चिराग, भाजपा व बसपा की राजनीति में हलचल Aligarh news
हाथरस की राजनीति में फिर रामवीर परिवार ने हलचल मचा दी। सादाबाद के विधायक व पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग सदस्या लेने गए थे लेकिन कार्यालय से खाली हाथ लौट आए।
हाथरस, जेएनएन। हाथरस की राजनीति में फिर रामवीर परिवार ने हलचल मचा दी। सादाबाद के विधायक व पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग सदस्या लेने गए थे, लेकिन कार्यालय से खाली हाथ लौट आए। वे सदस्या नहीं ले सके। बताया जा रहा है कि अब लखनऊ में सदस्या लेंगे।
रामवीर उपाध्याय बसपा सुप्रीमों मायावती के नजदीकी रहे हैं। फिलहाल बसपा से निलंबित चल रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ साल से उनके भाजपा में जाने की चर्चा होती रही है। शनिवार को वे सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिले। इसके बाद उनके बेटे चिराग उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने की खबर सामने आ गई। इसकी पुष्टी खुद चिराग ने की थी। रविवार को चिराग उपाध्याय काफिले के साथ आगरा स्थित ब्रजक्षेत्र कार्यालय पहुंचे। करीब दो घंटे कार्यालय पर बिताने के बाद वे लाैट गए। चिराग के अनुसार अब सदस्यता लखनऊ में होगी।
क्या हुआ बंद कमरे में
चिराग निर्धारित समय पर पार्टी कार्यालय पहुंच गए थे। यहां वे क्षेत्रीय संगठन मंत्री भवानी सिंह से चर्चा करने उनके कमरे में गए। क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी भी मौजूद थे। कुछ देर चर्चा हुई, जिसके बाद चिराग नीचे हॉल में समर्थकों के पास आ गए।
ब्राह्मण कार्ड का खेल
सूत्रों के अनुसार ब्राह्मण कार्ड को भाजपा प्रदेश स्तर पर खेलना चाहती है, जिस कारण क्षेत्रीय कार्यालय से चिराग की ज्वाइनिंग को टाल दिया गया है। इस दौरान पूर्व मंत्री से भी स्थानीय दिग्गजों की वार्ता हुई है। इसके साथ ही प्रदेश स्तर के नेताओं से भी वार्ता हुई है। जल्द ही चिराग को पार्टी लखनऊ कार्यालय में सदस्यता दिला सकती है।
सीएम से मिले थे
शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी
रामवीर की अच्छी पकड़
रामवीर उपाध्याय बसपा से निलंबत चल रहे हैं। शनिवार की शाम को करीब छह बजे रामवीर उपाध्याय सीएम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। पूर्व मंत्री ब्राह्मण समाज के कद्दावर नेता हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाज में उनकी अच्छी
हाथरस में हलचल
शनिवार से ही रामवीर के बेटे चिराग के भाजपा में जाने की चर्चा होने से बसपा व भाजपा खेमों में हलचल थी। कार्यालय से लौटने पर यह हलचल और बढ़ गईं। तरह -तरह की चर्चाओं में इसके अलग-अलग अर्थ लगाए जा रहे हैं।