Promotion of Online Education : परिषदीय स्कूलों के बच्चें सीखेंगे कोडिंग व बिजनेस इंटेलिजेंस, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से होगी शुरुआत
Promotion of Online Education डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को आन लाइन शिक्षा दी जा रही है। इसी के तहत अब बेसिक शिक्षा के स्कूलों में बच्चों को कोडिंग सिखायी जाएगी। इसकी शुरुआत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से होगी।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Promotion of Online Education : जिले में बेसिक शिक्षा के स्कूलों में बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी। online education को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके साथ डिजिटल साक्षरता को बच्चों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। इसकी शुरुआत Kasturba Gandhi Girls School से होगी।
आनलाइन कोर्स कराए जाएंगे : अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को भी online education प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इसमें बच्चों को कोडिंग सहित कई कोर्स आनलाइन कराए जाएंगे। बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए समग्र तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। बच्चों को तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम के तहत artificial intelligence, financial intelligence, business intelligence के कोर्स भी कराए जाएंगे।
डेढ़ लाख बच्चों को मिलेगा फायदा : बच्चों का समग्र विकास करने के लिए उन्हें डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे जिले में संचालित 1248 विद्यालयों के करीब डेढ़ लाख बच्चों को लाभ मिलेगा। हालांकि जिले में कई परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के सहयोग से बच्चों को स्मार्ट क्लास के माध्यम से आनलाइन शिक्षा दिलानी शुरू कर दी गई है।
बच्चे सीखेंगे आर्थिक व्यवहार के गुर : किताबी शिक्षा के साथ बच्चों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है। कोडिंग के साथ बच्चों को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस के तहत व्यापार या आर्थिक व्यवहार में सही समय पर सही निर्णय लेना सिखाया जाएगा। इसमें बिजनेस इंटेलिजेंस के जरिये बच्चों को व्यापार में सफल होने के गुर सिखाए जाएंगे। महानिदेश के निर्देश यह कार्य प्रमुख निजी संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय से होगी शुरुआत : जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 1248 है। इसमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, संविलियन व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी शामिल हैं। कोडिंग व फाइनेंशियल आनलाइन शिक्षा की शुरुआत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने विद्यालयों का स्तर सुधारने और बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तरह शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।