'बाल यौन शोषण' के विरुद्ध बोले बच्चे, बढ़ाए चलो कदम... अब नहीं सहेंगे हम
बच्चा हो या बड़ा हर किसी के दिल में बाल यौन शोषण जघन्य अपराध के खात्मे का जुनून हिलोरे मार रहा था। अब हम चुप नहीं रहेंगे, बाल यौन शोषण से हम लड़ेंगे जैसे नारों से शहर गूंज उठा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। बाल यौन शोषण जैसी ज्वलंत समस्या पर प्रतिघात करते हुए हजारों हाथ एक साथ उठे। बच्चा हो या बड़ा हर किसी के दिल में इस जघन्य अपराध के खात्मे का जुनून हिलोरे मार रहा था। 'अब हम चुप नहीं रहेंगे, बाल यौन शोषण से हम लड़ेंगे' जैसे नारों से पूरा शहर गूंज उठा। मौका था दैनिक जागरण की मुहिम 'बाल यौन शोषण अब बस' के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग अलीगढ़ के सहयोग से बाल दिवस पर निकाली गई जन जागरूकता रैली का। माध्यमिक विद्यालयों के दो हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं व एनसीसी कैडेट्स ने बाल यौन शोषण के खिलाफ अलख जगाई, जिसका साथ द अलीगढ़ बार एसोसिएशन के अलावा सामाजिक संगठनों व संस्थाओं के पदाधिकारियों ने दिया।
उत्साह के साथ शुरू हुई रैली
नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज से शुरू हुई यह रैली बरछी बहादुर, रेलवे स्टेशन रोड, सेंटर प्वॉइंट, समद रोड, एसबीआइ तिराहा, घंटाघर होते हुए वापस नौरंगीलाल कॉलेज पहुंचकर खत्म हुई। एडीएम सिटी श्याम बहादुर सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
टीवी सीरियल के लेखक मनोज संतोषी ने दिखाई झंडी
टीवी सीरियल 'भाबी जी घर पर हैं' के लेखक मनोज संतोषी ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। उनकी मौजूदगी हर छोटे-बड़े व आम-ओ-खास के लिए आकर्षण का केंद्र रही। इससे पहले प्रधानाचार्य शीलेंद्र यादव ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण किया। रैली के अंत में दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल व यूनिट हेड दीपक दुबे ने माध्यमिक शिक्षा विभाग, सभी अतिथियों, सहयोगियों व विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।
जब ठहर गए राहगीर
अमूमन रैलियों के दौरान सुविधा के मद्देनजर ट्रैफिक को रोक दिया जाता है। मगर, दैनिक जागरण की बाल यौन शोषण जैसे ज्वलंत मुद्दे पर निकाली गई जागरूकता रैली के दौरान यातायात को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुईं। ऐसी जटिल समस्या जिस पर बच्चे व आमजन बात करने से कतराते हैं, पर इतनी बड़ी सहभागिता देखने को राहगीर खुद रुक गए। यह नजारा था रेलवे स्टेशन रोड से सेंटर प्वॉइंट को बढ़ती रैली का। तिराहे से जाने का रास्ता खुला था मगर, लोगों के वाहन व कदम ठिठके हुए थे।
हमने ये ठाना है, शोषण को मिटाना है
रैली के दौरान छात्र-छात्राएं तख्तियों पर लिखे स्लोगन से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे। हर तरफ आवाज आ रही थी कि हमने ये ठाना है, शोषण को मिटाना है। बाल यौन शोषण खत्म करेंगे, 1098 नंबर डायल करेंगे। बहुत हुआ-बहुत हुआ, बाल यौन शोषण बहुत हुआ जैसे नारे लगाते बच्चे चल रहे थे।
ये रहे मौजूद
माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संजय माहेश्वरी, उड़ान सोसायटी के डॉ. ललित उपाध्याय, रोटरी क्लब अलीगढ़ लॉक सिटी के अध्यक्ष चेतन पांडेय, डॉ. डीके वर्मा, ईएचए आशीष पॉल, इंद्रा फाइन आट््र्स की इंद्रा अग्रवाल, मिंटू, अलीगढ़ हेल्पलाइन से राज सक्सेना, त्रिलोकी नाथ गौड़, महिला ग्रामोद्योग की सचिव वर्षा गौड़, फैजान अहमद, ज्ञान महाविद्यालय, चाइल्ड लाइन आदि की टीम मौजूद रहीं।
इन कॉलेजों का रहा सहयोग
नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज, एसएमबी इंटर कॉलेज, डीएस इंटर कॉलेज, टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज, डीएस इंटर कॉलेज, रतनप्रेम डीएवी कन्या इंटर कॉलेज, महेश्वर इंटर कॉलेज, कमला इंटर कॉलेज, गोल्ड माइन कांवेंट स्कूल, कृष्णा गल्र्स हाईस्कूल, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल आदि ने सहयोग किया।
बाल यौन शोषण की पीर अब पिघलनी चाहिए : संतोषी
टीवी सीरियल 'भाबी जी घर पर हैं' के लेखक मनोज संतोषी ने रैली से पहले छात्र-छात्राओं को अपने खास अंदाज में प्रेरित किया। उन्होंने 'हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए' पंक्तियां सुनाईं। साथ ही कहा, बाल यौन शोषण सरीखी ये पीर (पीड़ा) पर्वत सरीखी हो गई है। अब ये पिघलनी चाहिए। इस समस्या से लगभग हर बच्चा कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप में परेशान होता रहता है। इस गंदगी के नाश का अब समय आ गया है। इसके लिए बच्चों को ही नहीं, अभिभावकों व शिक्षकों को भी चुप्पी तोडऩी चाहिए। बच्चों को यह आभास हो जाता है कि किसी ने उसको नेक इरादे से टच किया है या गलत इरादे से। गलत इरादे से किए गए स्पर्श को उजागर करने की जरूरत है। इस विषय पर अभिभावक बच्चों को खुला माहौल दें और बच्चे ऐसी किसी भी घटना पर अपने परिजनों व शिक्षकों से खुलकर बात करें। उन्होंने दैनिक जागरण की इस पहल व ऐसे ज्वलंत व कठिन मुद्दे पर जागरूकता के निर्णय के लिए सराहना की।
अतिथियों के बोल
बच्चे हैं दुनिया के सबसे बड़े आर्किटेक्ट
एडीएम सिटी श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि ये बच्चे ही हैं जो दुनिया के सबसे बड़े आर्किटेक्ट हैं। कोई आर्किटेक्ट कितना बड़ा निर्माण कर ले लेकिन, बच्चे देश का निर्माण करते हैं। चुप्पी तोड़कर बाल यौन शोषण रूपी अत्याचार के समूल नाश की नींव भी बच्चे ही रखेंगे।
पहला हथियार है चीखना
राजकीय विद्यालय खैर की प्रवक्ता डॉ. आंचल पटेल ने कहा कि इस समस्या को खत्म करने का पहला हथियार है चीखना। जब भी कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ गंदी हरकत या इशारे करे तो बच्चे को तत्काल जोर से चीखना चाहिए। शुरुआत यहीं से हो जाएगी।
दायरा तोड़ें, बच्चों से करें बात
बाल संरक्षण अधिकारी हितेश कुमारी ने कहा कि आज अभिभावक इतने पढ़े लिखे बन जाते हैं कि वो अपना एक दायरा बना लेते हैं। इस दायरे को तोड़ बच्चों से बाल यौन शोषण विषय पर बात करें। बच्चों को गंभीरता से सुनें। अभिभावक बात करना चाहते ही नहीं हैं। यही समस्या का कारण है।
अभिभावकों की कराएंगे काउंसिलिंग
नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शीलेंद्र यादव ने कहा कि बच्चों की चुप्पी तोडऩे के साथ अभिभावकों को भी मुंह खोलना होगा। दैनिक जागरण से प्रेरणा व हांैसला मिला है। जल्द इस विषय पर कॉलेज में अभिभावकों को बुलाकर काउंसिलिंग कराई जाएगी।