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बच्चों को भी लपेट रही डायबिटीज, थायराइड व मोटापा Aligarh News

यूपी पेडिकॉन 2019 में दूसरे दिन विशेषज्ञों ने बच्चों की डायबिटीज मोटापा हार्मोंस अंसुतलन जापानी बुखार कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारियों पर व्याख्यान दिया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 02:45 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 07:08 PM (IST)
बच्चों को भी लपेट रही डायबिटीज, थायराइड व मोटापा Aligarh News
बच्चों को भी लपेट रही डायबिटीज, थायराइड व मोटापा Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की 40वें अधिवेशन 'यूपी पेडिकॉन 2019Ó में  दूसरे दिन विशेषज्ञों ने बच्चों की डायबिटीज, मोटापा, हार्मोंस अंसुतलन, जापानी बुखार, कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारियों पर व्याख्यान दिया। अधिवेशन में देशभर के विशेषज्ञ जुटे।

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बच्चों के कई रोगों पर हुई चर्चा

जीटी रोड स्थित रॉयल रेजिडेंसी में आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध नेफ्रोलाजिस्ट डॉ. आनंद वासुदेव, डॉ. कामरान, डॉ. प्रियंका खंडेलवाल ने पेशाब में संक्रमण, खून आना, बच्चे का पेट फूल जाने जैसी बीमारियों के लक्षण व इलाज की जानकारी दी।

बच्चों में डायबिटीज, मोटापा व  थायरायड पर चिंता की व्यक्त

चाइल्ड कार्डिलॉजिस्ट डॉ. मुनीष तोमर ने हृदय की कमजोरी, डॉ. नीरज अग्र्रवाल ने हृदय रोग की जांच (ईको) का निर्णय लेना व डॉ. नीरज अवस्थी ने आकस्मिक स्थिति पर बात की। चाइल्ड एनडोक्राइनलॉजिस्ट डॉ. अनुराग बाजपेयी, डॉ. विजय जैसवाल, डॉ. आइपीएस कोचर आदि ने बच्चों की डायबिटीज, मोटापा, थायरायड आदि समस्याओं पर चिंता जताई।

टाइप-वन डायबिटीज में स्वस्थ जीवन संभव

डायबिटीज के स्पेशल सत्र में किलकारी हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास मेहरोत्रा ने बताया कि अत्याधिक प्यास, खाने के बाद भी वजन कम होना, थकान और बार-बार पेशाब टाइप वन डायबिटीज के लक्षण हैं। इसमें तुरंत ब्लड शुगर की जांच होनी जरूरी है। ऐसे में बच्चों इंसुलिन बिल्कुल नहीं बनती और रोजाना बाहर से इंसुलिन लेनी जरूरी है। इसमें झांड़-फूंक का कोई काम नहीं। माता-पिता को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं। इंसुलिन पंप की मदद से पूर्ण स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है, बशर्ते सजग रहा जाए। विशेषज्ञ की सलाह अनुसार खानपान रखें। हर साल आंखों की जांच, कोलेस्ट्राल, बीपी व किडनी की जांच कराते रहें।

डेटिंग व चैटिंग पर चिंता

अधिवेशन में डॉ. अतुल गुप्ता, डॉ. एनसी प्रजापति, डॉ. पियाली भïट्टाचार्य आदि ने किशोरों में डेटिंग, चैटिंग से पैदा हो रही समस्याओं पर चिंता जताई। इसमें माता-पिता की भूमिका को अहम बताया। डॉ. अरुन अग्र्रवाल, डॉ. शमीर हसन दलवाई, डॉ. पीएम कुंजु, डॉ. अनुप वर्मा, डॉ. राकेश भाटिया, डॉ. अशोक देवरारी, डॉ. गिरीश गुप्ता, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. अतुल अग्र्रवाल आदि विभिन्न विषयों पर बात की। डॉ. अरिवंद हरि, डॉ. प्रदीप बंसल, डॉ. अनुप कुमार, डॉ. रवि सूद, डॉ. लवनीश मोहन अग्र्रवाल, डॉ. चितरंजन समेत शहर के तमाम बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद रहे।


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