Hathras Case : बूलगढ़ी के सच की तलाश में अहम हो सकता है छोटू का दावा
हाथरस के बूलगढ़ी कांड की सच की तलाश में सीबीआइ गहनता से जांच कर रही है। इस जांच में गांव के छोटू का बयान अहम साबित हो सकता है। जिस खेत में युवती के साथ हमले और कथित दुष्कर्म की बात हो रही है।
हाथरस, जेएनएन। हाथरस के बूलगढ़ी कांड की सच की तलाश में सीबीआइ गहनता से जांच कर रही है। इस जांच में गांव के छोटू का बयान अहम साबित हो सकता है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने और मृतका के मां और भाई के मौके पर होने संबंधी छोटू के दावे की पड़ताल सीबीआइ कर रही है। अब तक चार बार सीबीआइ उसे पूछताछ के लिए बुला चुकी है। एसआइटी ने भी उसके बयान दर्ज किए थे। जिस खेत में युवती के साथ हमले और कथित दुष्कर्म की बात हो रही है, वहां छोटू के परिवार ने ही फसल की थी।
यह है छोटू का दावा
छाेटू ने मीडिया के सामने आकर दावा किया है कि 14 सितंबर को जब घटना हुई तो युवती की चीख सुनकर वह ही सबसे पहले पहुंचा था। युवती जमीन पर पड़ी थी, उसकी मां व भाई पास खड़े थे। ऐसे में वह दौड़कर निकट खेत में मौजूद लवकुश की मां के पास पहुंचा और घटना की जानकारी दी। वह लौटकर आया तो पीड़िता का भाई जा चुका था। पीड़िता की मां के कहने पर ही वह उसके भाई को घर से बुलाकर लाया था। हालांकि, छोटू से एसआइटी ने भी गहनता के साथ पूछताछ की थी। शुक्रवार को सीबीआइ ने उससे आठ घंटे पूछताछ की और गांव मे भी पड़ताल की। रविवार को फिर उसे तीन बार उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया। इससे लग रहा है कि कहीं न कहीं छोटू की बात को पड़ताल करने में सीबीआइ जुटी हुई है। उसका बयान इस पूरे घटनाक्रम को अहम मोड़ दे सकता है। सीबीआइ और गहनता के साथ इस कांड के सच को उजागर करने के लिए साक्ष्य एकत्रित कर रही है। जिससे इस पूरे प्रकरण का खुलाासा हो सके।
भाभी ने छोटू को पहचानने से किया
इंकार खुद को मौके पर मौजूद होने का दावा करने वाले छोटू को पहचानने से मृतका की भाभी ने इंकार कर दिया है। दरअसल, शुक्रवार को छोटू से पूछताछ के बाद शनिवार को सीबीआइ मृतका के घर पहुंची थी। सीबीआइ ने छोटू का फोटो दिखाते उसके बारे में स्वजन से जानकारी की थी। इसके बाद मीडिया के सामने मृतका की भाभी ने बताया था कि वह छोटू को नहीं जानती। पहली बार उसका फोटो देखा है।
सीबीआइ ने पूछा कितने दिन काम किया
छाेटू ने रविवार को मीडिया को बताया कि वह दो दिन चिलिंग प्लांट पर काम करने गया था। रामू के जेल जाने के बाद चिलिंग प्लांट पर लेवर की जरूरत थी इसीलिए वह काम करने वहां गया था। सीबीआइ ने भी उससे इस संबंध में जानकारी की है। यह पूछा कितने दिन उसने वहां काम किया। अनिल से भी उसके काम के बारे में पुष्टि की। अनिल जेल गए आरोपित रामू के साथ ही काम करता था।
एसआइटी की रिपोर्ट का इंतजार
हाथरस: मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित एसअाइटी की जांच समाप्त हो चुकी है। शुक्रवार को टीम लखनऊ वापिस हो गई। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट को पेश करने के लिए तीन दिन यानि सोमवार तक समय मांगा था। टीम अपनी रिपोर्ट को बनाने में जुटी हुई है। संभावना जाहिर की जा रही है कि सोमवार को वह अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। अब सभी की निगाह फाइनल जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई है। क्योंकि एसआइटी की पहली जांच रिपोर्ट पर ही मुख्यमंत्री ने एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी रामशब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीर सिंह, हैंड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया था।