Chhath Puja 2019 : छठी मैया हे अरघ लेने करै छी पुकार, नहाय खाय के साथ शुरू हुई छठ पूजा Aligarh News
श्रद्धा आस्था परंपरा और शुद्धता से जुड़ा छठ पूजा पर गुरुवार को नहाय-खाय विधान के साथ शुरू हो गया। शाम ढलते ही शहर के कई इलाके छठी मैया के गीतों से गूंज उठे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। श्रद्धा, आस्था, परंपरा और शुद्धता से जुड़ा छठ पूजा पर गुरुवार को नहाय-खाय विधान के साथ शुरू हो गया। शाम ढलते ही शहर के कई इलाके छठी मैया के गीतों से गूंज उठे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश यहीं आकर बस गया हो। चार दिवसीय इस पूजा के लिए बदरबाग कॉलोनी, कुलदीप विहार और टीकाराम मंदिर में घाट की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। जिसमें खड़े होकर सूर्यदेव को अघ्र्य दिया जाएगा। भोजपुरी समाज में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
एक साथ जमीन पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया
नहाय खाय के साथ महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया। शाम को मिट्टी के चूल्हे पर लौकी, चना की सब्जी और रोटी बनायी और एक साथ जमीन पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद वह अन्न-जल कुछ ग्रहण नहीं करेंगी। शाम को घर में आंगन में महिलाओं ने छठी मैया के गीत गाए। 'छठी मैया हे अरघ लेने करै छी पुकार', 'अरघ ले लीं हे छठी मइया', 'कांच ही बांस बहंगिया बहंगी लचकत जाए' आदि गीतों से माता को मनाया। रामनगर में गायत्री देवी, सीता देवी, रश्मि ओझा आदि ने मैया का पूजन किया। रात 10 बजे आराधना के बाद व्रती महिलाओं ने जमीन पर ही शयन किया। सारसौल में संगीता सिंह, नेहा सिंह व श्वेता सिंह ने व्रत रखकर मां के गीत गाए।
डाला और फल की खरीदारी
महापर्व की शुरुआत के साथ ही छठ पूजन के प्रसाद आदि की खरीदारी भी शुरू हो गई है। मीनाक्षी पुल के नीचे, बारहद्वारी, महावीरगंज में महिलाओं ने खरीदारी की। बाजार में डाला, केला, सेब, सिंघाड़ा और ठेकुआ के प्रसाद के लिए सामग्री खरीदी।
उत्सव सा माहौल
बदरबाग, सारसौल, क्वार्सी, लाल डिग्गी, कुलदीप विहार आदि कॉलोनियों में उत्सव सा माहौल है। यहां बिहार और पूर्वी यूपी के लोग बड़ी संख्या में रह रहे हैं। कुलदीप विहार में भी घाट बनाया जा है। लाल डिग्गी पर अधिकारियों के घर महिलाएं छत और लान में अस्थायी घाट बनाकर अघ्र्य देतीं हैं। रामनगर निवासी मनोज ओझा कहते हैं कि इन दिनों समाज के लोग छठ पूजन की तैयारियों में व्यस्त हो जाते हैं। दीपावली पर्व की तरह उनका अवकाश रहता है। घाटों पर जमकर आतिशबाजी होती है।
आज अखंड संकल्प
शुक्रवार शाम से व्रती महिलाओं का लगातार 36 घंटे का अखंड निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। खरना के दिन महिलाएं गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद व जल ग्रहण करेंगी। शनिवार दिनभर पूजन आदि की तैयारी कर शाम को अस्तगामी सूर्यदेव को अघ्र्य देंगी। रातभर अन्न, जल ग्रहण नहीं करेंगी। रविवार को उदयगामी सूर्यदेव को अघ्र्य देने के साथ ही व्रत पूर्ण होगा।