पूरी दिनचर्या बदलने व लगातार ऑनलाइन पढ़ाई ने दिया टेंशन Aligarh news
प्रिय दीदी सादर प्रणाम आशा करती हूं कि आप सब घर पर स्वस्थ व सकुशल होंगे। कोविड-19 महामारी में हर कोई परेशान व तनाव से ग्रस्त है। सभी को धैर्य व सावधानी से इस समस्या का सामना करना है। इस महामारी ने दिनचर्या व जीवनशैली को बदलकर रख दिया है।
अलीगढ, जेएनएन: प्रिय दीदी, सादर प्रणाम, आशा करती हूं कि आप सब घर पर स्वस्थ व सकुशल होंगे। कोविड-19 महामारी में हर कोई परेशान व तनाव से ग्रस्त है। हम सभी को धैर्य व सावधानी के साथ इस समस्या का सामना करना है। इस महामारी ने सभी की दिनचर्या व जीवनशैली को बदलकर रख दिया है। कई साल से जिस शैली से जीवन जी रहे थे, उसमें अचानक बदलाव आने से तनाव होना लाजिमी है। उस पर विद्यार्थी जीवन के लिए ऑनलाइन शिक्षा उपयोगी भी साबित हुई, मगर इससे मानसिक रूप से तनाव भी काफी मिला है। सुबह नाश्ते से लेकर रात के खाने तक पूरी दिनचर्या बदलने व लगातार ऑनलाइन पढ़ाई ने टेंशन दी है। इस महामारी के दौर में दूसरा विकल्प भी नहीं था। अब स्कूल-कॉलेज खुलने से ऑनलाइन पढ़ाई की टेेंशन कम हुई है, मगर सुरक्षा उपायों के बगैर जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। मैं यहां मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर रही हूं। आप भी कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाइएगा।
वैक्सीन आते तक कोई ढिलाई नहीं
महामारी को काबू करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक सुरक्षा उपायों के साथ ही सुरक्षित रहा जा सकता है। इसलिए मैंने लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की है। लाकडाउन खत्म हो गया है तो जरूरी है कि लोगों को इस संबंध में ज्यादा से ज्यादा जागरूक व प्रेरित किया जाए। स्कूल की ओर से जागरूकता कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले रही हूं। एक बात आपको बताना चाहूंगी कि महामारी का प्रकोप जब शुरू हुआ था, तभी आपके पास आने का प्लान था। अचानक लगे लाकडाउन ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। काफी मूड खराब हुआ, लेकिन तभी प्रवासी मजदूरों को यातायात सेवाओं के बंद होने पर भी अपने गांव लौटते देख समस्या न के बराबर लगने लगी। आप से मिले एक साल से ज्यादा हो गया है। इन सबके बीच अगर मुझे किसी चीज ने टूटने व बिखरने से बचाया है तो वो है आपका अटूट प्रेम व सलाह। पापा ने साहस व धैर्य से काम लेने के लिए प्रेरित किया। आपसे भी गुजारिश है कि बिना मास्क के कहीं न जाएं। शारीरिक दूरी के नियम का पालन जरूर अपनाएं। सैनिटाइजर भी साथ रखें। आप अपना व परिवार में सभी का ख्याल रखना और स्वास्थ्य की जानकारी देती रहना।
सुनिधि चौहान
कोरोना से जंग में हथियार हैं सुरक्षा उपाय
कोरोना महामारी ने सभी की दिनचर्या व जीवनशैली को बदल दिया है। अभी इसकी वैक्सीन भी तैयार नहीं हो सकी है। वैक्सीन तैयार नहीं होती, तब तक किसी भी तरह की लापरवाही की जीवन में कोई गुंजाइश नहीं है। लोग ये गलतफहमी पालने लगे हैं कि अब कोरोना का संक्रमण कम या खत्म हो रहा है। इसी सोच के चलते लोग लापरवाही ज्यादा बरत रहे हैं। छात्रा सुनिधि जब धैर्य के साथ अपनी दीदी के पास न जाकर इंतजार कर सकती है तो बड़ों को भी संयम बरतना चाहिए। वैक्सीन नहीं आने तक कोरोना से जंग में सुरक्षा उपाय ही हथियार हैं। इनके जरिए ही कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। जीवन शैली व दिनचर्या बदलने की टेंशन है तो इसे शांत मन से योग, ध्यान व आसन आदि क्रियाओं से दूर किया जा सकता है। चिङ्क्षतत होने की जरूरत इसलिए नहीं है कि समय अच्छा बीत जाता है तो बुरा भी बीत ही जाएगा। बस तब तक सावधानी बरतनी जरूरी है। विद्यार्थियों में ऑनलाइन पढ़ाई की टेंशन को दूर करने के लिए ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने का रास्ता अपनाया गया है। वो भी सभी नियमों के पालन के साथ। हर जगह एक ही बात सामने आती है कि सुरक्षा उपायों व नियमों का पालन संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती, तब तक पाबंदियों व बंदिशों में जीवन को जीने का हौसला दिखाना होगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना भी समाजसेवा है। अगर आपकी फैलाई जागरूकता से दो लोग भी कोरोना संक्रमण से बच जाते हैं तो इससे बड़ी सेवा और कोई नहीं हो सकती। मास्क, शारीरिक दूरी के पालन का नियम व सैनिटाइजर के उपयोग में लापरवाही बिल्कुल न बरतें।
रक्षपाल सिंह, शिक्षाविद