Welcome to Supreme Court verdict: बेटियों को बराबरी का हक मिलने से आएगा बदलाव Aligarh News
बेटियों को भी पिता या पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सेदार मानने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अलीगढ़ की महिलाओं ने सही माना है।
अलीगढ़ जेएनएन: बेटियों को भी पिता या पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सेदार मानने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अलीगढ़ की महिलाओं ने सही माना है। अधिवक्ताजगत ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जताई है। उनका कहना है कि ये हकीकत है कि बेटियां कभी पराई नहीं होती हैं। वे हमेशा अपने मां-बाप के लिए खड़ी रहती हैं, जबकि बेटे सिर्फ शादी तक साथ निभाते हैं। बेटियां अपने माता-पिता, के जीवन का अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगी। बेटी ही जीवनभर हर सुख-दुख में माता-पिता का साथ निभाती हैं। धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से तस्वीर और सकारात्मक होगी। इस फैसले के बाद समाज की सोच बदलेगी। बेटियां स्वतंत्र होंगी, तो निश्चित रूप से मां-बाप भी स्वतंत्र होंगे। आइए, जानते हैं महिलाओं के विचार...।
बेटियों को बराबरी का अधिकार मिलना वाकई सराहनीय कदम है। यह फैसला दहेज प्रथा को खत्म करने में सहायक होगा। साथ ही महिलाओं को भी सशक्त बनाएगा। ऐसे में समाज को इसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।
तूलिका बंधु, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
इस फैसले से ये साबित हो गया कि भारतीय कानून के हिसाब से बेटे और बेटियां समानता के तराजू पर हैं। आज हर बेटी खुश होगी। साबित हुआ कि बेटियां अपने माता-पिता, के जीवन का अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगी।
महक अग्रवाल, अधिवक्ता
बेटियों को लेकर गलत धारणा बनी हुई है कि वह पराई हैं, जबकि बेटी ही जीवनभर हर सुख-दुख में माता-पिता का साथ निभाती हैं। धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से तस्वीर और सकारात्मक होगी।
अनुभा तोमर, शिक्षिका
बेटियों के हित में लिए गए इस फैसले का स्वागत है। अब परंपरागत बातों को अलग कर सामाजिक दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है। यह फैसला बेटियों को सिर्फ बराबरी का अधिकार नहीं देगा, बल्कि नारी शक्ति का तेजी से विकास भी करेगा।
हिमानी शर्मा, शिक्षिका