चांद पर चंद्रयान, उम्मीदें चढ़ी परवानः अलीगढ़ में देररात अविस्मरणीय पल को देखने के लिए जगे रहे लोग aligarh news
देररात का तनिक भी उन्हें मलाल नहीं था। उत्साह में भारत माता के जयकारे लगाने लगे। ऐसा लगा कि मानो कोई बड़ा युद्ध हो।
By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 12:47 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 11:04 AM (IST)
अलीगढ़(जेएनएन)। चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर उतरने के अविस्मरणीय पल को लोगों ने अपनी आंखों में संजो लिया। देररात तक लोग टीवी से चिपके रहे। चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर एक-एक गतिविधि को देखते रहे। देररात का तनिक भी उन्हें मलाल नहीं था। उत्साह में भारत माता के जयकारे लगाते रहे। मगर, तीन बजे कुछ निराशा, कुछ इंतजार के क्षण थे।
श्री हरिकोटा रेंज के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 चंद्रमा के लिए छोड़ा गया था। इस मिशन को लेकर वैज्ञानिकों में जितनी उत्सुकता थी, उससे कम देशवासियों में भी नहीं थी। वे भी उत्साहित थे। शुक्रवार की दोपहर बाद से ही टीवी पर खबरें तेज हो गई थीं। शाम सात बजे तक शहर में यह आलम था कि लोग टीवी स्क्रीन से जुड़ गए। चाय-नाश्ता के साथ खबरों में चासनी की तरह लिपट चुके थे। युवाओं में जहां जानकारी को लेकर उत्सुकता थी, वहीं बुजुर्ग इस पल को अपनी आंखों में संजो लेना चाहते थे।
नींद नहीं आई
विक्रम कॉलोनी स्थित नितिन घुट्टी अपने परिवार के साथ देररात तक टीवी स्क्रीन से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा यादगार पल न जाने कब आए, इसलिए नींद नहीं आई। मोहिनी गुप्ता ने कहा कि बच्चों की उत्सुकता के लिए उन्हें भी जागना पड़ा। उन्होंने बच्चों को स्कूल का हवाला देकर सुलाने का प्रयास किया, मगर वे चंद्रयान-2 के एक-एक पल को टीवी पर देखते रहे। रामनगर निवासी 65 वर्षीय रामवीर सिंह ने कहा कि यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल है। शायद ही यह दोबारा उनके जीवन में आए। एएमयू में पढ़ रहीं शोभा सिंह ने कहा कि उन्हें दिन में कॉलेज से ही बेसब्री बनी रही। घर लौटने पर शाम को टीवी से जुड़ गईं। बीच-बीच में घर का काम करती रहीं। रात 11 बजे के बाद से फिर एक पल भी टीवी से नहीं उठीं। बीए फाइनल कर रहीं शिवानी ने कहा कि वैज्ञानिकों ने तीन देशों के बाद चौथा भारत भी ऐसा देश हो गया जिसका यान चंद्रमा पर उतरा। वहीं, देररात शहर में अतरौली अड्डा स्थित चाय की दुकान पर लोग एकत्र रहे। राहगीर से लेकर रिक्शाचालकों तक ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतरे देखा। दुबे पड़ाव, क्वार्सी चौराहा, सारसौल चौराहा पर भी चाय और ढाबा पर लोगों ने अविस्मरणीय पल को देखा।
अहम है मिशन
एएमयू के प्रो. तौहीद अहमद ने बताया कि चंद्रयान-2 भारत का अहम मिशन हैै। इसकी सफलता कई नए आयाम स्थापित करती, हालांकि हमें अभी इंतजार है कि कोई खुशी की खबर आएगी। अगर ऐसा हुआ था इतिहास बन जाएगा। निर्यातक कपिल कुमार ने बताया कि चांद पर यान उतरने से हम दुनिया भर में मजबूत होकर उभरते। पर हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। असफलता ही सफलता की कुंजी है। दीपक कोरल ने बताया कि टीवी पर लाइव देख रहे थे। लैंडर विक्रम जैसे जैसे चांद के निकट पहुंचा, धड़कनें तेज हो रही थीं। अभी आखिरी खबर का इंतजार जारी है।
अविस्मरणीय पल
असिस्टेंट प्रोफेसर व साहित्यकार डॉ. ललित उपाध्याय ने बताया कि ये मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल था। मैं अपलक टीवी को निहारता रहा। धड़कनें तेज हो गई थीं। अब निराश जरूर हुए, पर आशा अभी भी अच्छी खबर की है। प्रिंसी ने बताया कि मैंने रात आठ बजे तक मम्मी-पापा और परिवार के सदस्यों को भोजन करा दिया था, ताकि पूरे आराम से यह दृश्य देख सकूं। रात 12 बजे तो धड़कनें तेज हो गई। वैज्ञानिकों पर हमें विश्वास है। छात्र रविकुमार ने बताया कि रात में 12 बजे तक टीवी से सटा रहा। ऐसा लग रहा था कि मानों भारत कोई युद्ध लड़ रहा हो। देश ने बड़ा काम किया है। अभी अच्छी खबर का इंतजार है। मनोज कुमार ने बताया कि देश के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक पल है। इसरो की मेहनत से कई अनुभव विश्व को मिले हैैं। वैज्ञानिकों ने अभी भी उम्मीदें जताई हैैं। कामना है उनके प्रयास सफल हों।
एएमयू में भी रहा उत्साह
एएमयू में चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर लैंडिंग को लेकर फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स, छात्रों समेत अन्य विद्यार्थियों में खासा उत्साह था। चंद्रयान-2 के इस मिशन से जुड़ी एएमयू की पूर्व छात्रा खुशबू मिर्जा को लेकर भी उत्साह था। सोशल मीडिया व एएमयू में चर्चा का विषय रहा कि यहां की पूर्व छात्रा इस अद्वितीय मिशन से जुड़ी हुई हैं। खुशबू ने 2002 से 2006 तक संस्थान में रहकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग से बीटेक किया। अब वो इसरो में वैज्ञानिक हैं व इस मिशन से जुड़ी हैं। चंद्रयान-1 मिशन में भी हिस्सा रही थीं। फिजिक्स विभाग के चेयरमैन प्रो. तौहीद अहमद ने कहा कि चंद्रयान-2 देश का मान बढ़ाने वाली खास उपलब्धि है व खुशबू मिर्जा एएमयू व देश का मान बढ़ा रही हैं।
साकिया आज हमें नींद नहीं आएगी
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम शुक्रवार रात को जिस वक्त चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतर रहा था, उस वक्त हर नागरिक के दिल में सिर्फ देश के लिए गर्व था। आंखें तो रातभर खुली ही रहीं, साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खुशियां जाहिर कीं जा रही थीं। देर रात 11 बजे प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'साकिया, आज हमें नींद नहीं आएगी। जय हिंद-जय भारत, बधाई इसरो, इतिहास लिख दिया... जैसे तमाम संदेश सोशल मीडिया पर तैरने लगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक पिछले काफी लंबे समय से दिन-रात एक करके जिस मिशन को सफल बनाने में जुटे थे, वो पल आते ही हर व्यक्ति उत्सुक हो उठा। देश के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए और इस ऐतिहासिक पल का हर कोई गवाह बना।
श्री हरिकोटा रेंज के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 चंद्रमा के लिए छोड़ा गया था। इस मिशन को लेकर वैज्ञानिकों में जितनी उत्सुकता थी, उससे कम देशवासियों में भी नहीं थी। वे भी उत्साहित थे। शुक्रवार की दोपहर बाद से ही टीवी पर खबरें तेज हो गई थीं। शाम सात बजे तक शहर में यह आलम था कि लोग टीवी स्क्रीन से जुड़ गए। चाय-नाश्ता के साथ खबरों में चासनी की तरह लिपट चुके थे। युवाओं में जहां जानकारी को लेकर उत्सुकता थी, वहीं बुजुर्ग इस पल को अपनी आंखों में संजो लेना चाहते थे।
नींद नहीं आई
विक्रम कॉलोनी स्थित नितिन घुट्टी अपने परिवार के साथ देररात तक टीवी स्क्रीन से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा यादगार पल न जाने कब आए, इसलिए नींद नहीं आई। मोहिनी गुप्ता ने कहा कि बच्चों की उत्सुकता के लिए उन्हें भी जागना पड़ा। उन्होंने बच्चों को स्कूल का हवाला देकर सुलाने का प्रयास किया, मगर वे चंद्रयान-2 के एक-एक पल को टीवी पर देखते रहे। रामनगर निवासी 65 वर्षीय रामवीर सिंह ने कहा कि यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल है। शायद ही यह दोबारा उनके जीवन में आए। एएमयू में पढ़ रहीं शोभा सिंह ने कहा कि उन्हें दिन में कॉलेज से ही बेसब्री बनी रही। घर लौटने पर शाम को टीवी से जुड़ गईं। बीच-बीच में घर का काम करती रहीं। रात 11 बजे के बाद से फिर एक पल भी टीवी से नहीं उठीं। बीए फाइनल कर रहीं शिवानी ने कहा कि वैज्ञानिकों ने तीन देशों के बाद चौथा भारत भी ऐसा देश हो गया जिसका यान चंद्रमा पर उतरा। वहीं, देररात शहर में अतरौली अड्डा स्थित चाय की दुकान पर लोग एकत्र रहे। राहगीर से लेकर रिक्शाचालकों तक ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतरे देखा। दुबे पड़ाव, क्वार्सी चौराहा, सारसौल चौराहा पर भी चाय और ढाबा पर लोगों ने अविस्मरणीय पल को देखा।
अहम है मिशन
एएमयू के प्रो. तौहीद अहमद ने बताया कि चंद्रयान-2 भारत का अहम मिशन हैै। इसकी सफलता कई नए आयाम स्थापित करती, हालांकि हमें अभी इंतजार है कि कोई खुशी की खबर आएगी। अगर ऐसा हुआ था इतिहास बन जाएगा। निर्यातक कपिल कुमार ने बताया कि चांद पर यान उतरने से हम दुनिया भर में मजबूत होकर उभरते। पर हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। असफलता ही सफलता की कुंजी है। दीपक कोरल ने बताया कि टीवी पर लाइव देख रहे थे। लैंडर विक्रम जैसे जैसे चांद के निकट पहुंचा, धड़कनें तेज हो रही थीं। अभी आखिरी खबर का इंतजार जारी है।
अविस्मरणीय पल
असिस्टेंट प्रोफेसर व साहित्यकार डॉ. ललित उपाध्याय ने बताया कि ये मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल था। मैं अपलक टीवी को निहारता रहा। धड़कनें तेज हो गई थीं। अब निराश जरूर हुए, पर आशा अभी भी अच्छी खबर की है। प्रिंसी ने बताया कि मैंने रात आठ बजे तक मम्मी-पापा और परिवार के सदस्यों को भोजन करा दिया था, ताकि पूरे आराम से यह दृश्य देख सकूं। रात 12 बजे तो धड़कनें तेज हो गई। वैज्ञानिकों पर हमें विश्वास है। छात्र रविकुमार ने बताया कि रात में 12 बजे तक टीवी से सटा रहा। ऐसा लग रहा था कि मानों भारत कोई युद्ध लड़ रहा हो। देश ने बड़ा काम किया है। अभी अच्छी खबर का इंतजार है। मनोज कुमार ने बताया कि देश के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक पल है। इसरो की मेहनत से कई अनुभव विश्व को मिले हैैं। वैज्ञानिकों ने अभी भी उम्मीदें जताई हैैं। कामना है उनके प्रयास सफल हों।
एएमयू में भी रहा उत्साह
एएमयू में चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर लैंडिंग को लेकर फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स, छात्रों समेत अन्य विद्यार्थियों में खासा उत्साह था। चंद्रयान-2 के इस मिशन से जुड़ी एएमयू की पूर्व छात्रा खुशबू मिर्जा को लेकर भी उत्साह था। सोशल मीडिया व एएमयू में चर्चा का विषय रहा कि यहां की पूर्व छात्रा इस अद्वितीय मिशन से जुड़ी हुई हैं। खुशबू ने 2002 से 2006 तक संस्थान में रहकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग से बीटेक किया। अब वो इसरो में वैज्ञानिक हैं व इस मिशन से जुड़ी हैं। चंद्रयान-1 मिशन में भी हिस्सा रही थीं। फिजिक्स विभाग के चेयरमैन प्रो. तौहीद अहमद ने कहा कि चंद्रयान-2 देश का मान बढ़ाने वाली खास उपलब्धि है व खुशबू मिर्जा एएमयू व देश का मान बढ़ा रही हैं।
साकिया आज हमें नींद नहीं आएगी
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम शुक्रवार रात को जिस वक्त चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतर रहा था, उस वक्त हर नागरिक के दिल में सिर्फ देश के लिए गर्व था। आंखें तो रातभर खुली ही रहीं, साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खुशियां जाहिर कीं जा रही थीं। देर रात 11 बजे प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'साकिया, आज हमें नींद नहीं आएगी। जय हिंद-जय भारत, बधाई इसरो, इतिहास लिख दिया... जैसे तमाम संदेश सोशल मीडिया पर तैरने लगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक पिछले काफी लंबे समय से दिन-रात एक करके जिस मिशन को सफल बनाने में जुटे थे, वो पल आते ही हर व्यक्ति उत्सुक हो उठा। देश के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए और इस ऐतिहासिक पल का हर कोई गवाह बना।
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